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SEBI की टेक्नोलॉजी कोशिशों से रिटेल ट्रेडर्स को बड़ा फायदा: नितिन कामत |
नितिन कामत का बयान: SEBI की टेक्नोलॉजी कोशिशों से रिटेल ट्रेडर्स की कमाई में बढ़ोत्तरी
जीरोधा के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने हाल ही में कहा कि भारतीय शेयर बाजार में रिटेल ट्रेडर्स की सफलता के पीछे SEBI की टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सुधारों का बड़ा योगदान है। उनका मानना है कि SEBI द्वारा ऑपरेशनल प्रोसेस को सरल बनाने की कोशिशों से ट्रेडिंग पहले की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित हो गई है।
ट्रेडिंग के पीछे का जटिल प्रोसेस
अक्सर निवेशक यह सोचते हैं कि शेयर खरीदना और बेचना बस एक क्लिक का काम है। लेकिन ब्रोकरेज फर्मों के बिजनेस के पीछे एक जटिल सिस्टम काम करता है, जिसमें शामिल होते हैं:
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स्टॉक एक्सचेंज
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डिपॉजिटरीज
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आरटीए (Registrar and Transfer Agents)
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बैंक
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और सैकड़ों API एवं डेटा फाइल्स का आदान-प्रदान
पहले इस सिस्टम में कोई यूनिफॉर्म स्टैंडर्ड नहीं था, जिससे पूरा प्रोसेस समय लेने वाला और रिस्क भरा था।
SEBI के स्टैंडर्डाइजेशन से बदलाव
नितिन कामत के मुताबिक, SEBI ने अलग-अलग मार्केट एनटिटीज के बीच डेटा एक्सचेंज के लिए ‘Unified Distilled File Formats (UDiFF)’ नामक स्टैंडर्ड लागू किया।
इस बदलाव से:
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अलग-अलग डेटा फॉर्मैट को मेंटेन करने के लिए 60% कोडिंग की जरूरत खत्म हुई
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ऑपरेशनल जटिलता कम हुई
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रिस्क में कमी आई
समय की बचत और क्षमता में बढ़ोतरी
पहले डेटा इंपोर्ट में 40 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह काम सिर्फ 30 सेकेंड में हो जाता है।
इससे:
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क्षमता (Efficiency) में भारी इजाफा हुआ
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टेक्निकल और ऑपरेशनल रिस्क कम हुआ
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प्रोसेस अधिक पारदर्शी और आसान बना
रिटेल ट्रेडर्स को मिला सबसे ज्यादा फायदा
नितिन कामत ने कहा,
"SEBI के इन सुधारों का सीधा फायदा रिटेल क्लाइंट्स को मिला है।"
जीरोधा लगातार तकनीकी और ऑपरेशनल सुधारों पर काम कर रही है, और अगली तिमाही नहीं बल्कि अगले दशक को ध्यान में रखकर प्लानिंग करती है।
निष्कर्ष
SEBI की टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पहलें, जैसे कि UDiFF, ने भारतीय स्टॉक मार्केट की ट्रेडिंग प्रोसेस को तेज, सरल और सुरक्षित बनाया है। इसका नतीजा है कि आज रिटेल ट्रेडर्स पहले से अधिक आसानी और आत्मविश्वास के साथ मार्केट में ट्रेड कर पा रहे हैं।