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PhonePe को Walmart से मिला 1649 करोड़ का फंड, लक्ष्य से अब इतना ही है पीछे PhonePe

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PhonePe को Walmart से मिला 1649 करोड़ का फंड, लक्ष्य से अब इतना ही है पीछे PhonePe

PhonePe को Walmart से मिला 1649 करोड़ का फंड, लक्ष्य से अब इतना ही है पीछे PhonePe :-

Flipkart (फ्लिपकार्ट) से अलग होकर तथा भारत में शिफ्ट होने के बाद से PhonePe (फोनपे) पहली बार भारी भरकम फंड जुड़ा रही है। PhonePe के कारोबार की बात करें तो UPI ट्रांजैक्शन के मामले में 47 फीसदी मार्केट शेयर के साथ यह Market Leader हैं।

PhonePe (फोनपे) को 2015 में Flipkart (फ्लिपकार्ट) के पूर्व एंप्लॉयीज समीर निगम, राहुल चारी और बुर्ज इंजीनियर ने शुरू किया था। अगले ही साल 2016 में Flipkart (फ्लिपकार्ट) ने इसे खरीद लिया था और कंपनी सिंगापुर शिफ्ट हो गई थी। इसके बाद जब वालमार्ट (Walmart) ने फ्लिपकार्ट को खरीद लिया तो यह वालमार्ट के हाथ चली गई। पिछले साल फोनपे को फ्लिपकार्ट से अलग कर भारत शिफ्ट कर दिया गया हैं। और अब PhonePe (फोनपे) IPO (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रहा है।

भारत शिफ्ट होने के बाद पहली बड़ी फंड जुटाने की योजना :

डिजिटल पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज यूनिकॉर्न फोनपे (PhonePe) 100 करोड़ डॉलर के फंडिंग राउंड में 20 करोड़ डॉलर और जुटा चुकी है। इससे पहले फोनपे (PhonePe) 45 करोड़ डॉलर जुटा चुकी थी। फोनपे (PhonePe) को ताजा निवेश इसकी सबसे बड़ी शेयरहोल्डर वालमार्ट (Walmart) से मिला है। वालमार्ट (Walmart) ने इसमें 20 करोड़ डॉलर (1649.24 करोड़ रुपये) निवेश किया है।

फोनपे (PhonePe) ने जनवरी में 1200 करोड़ डॉलर (98954.16 करोड़ रुपये) के वैल्यूएशन पर 100 करोड़ डॉलर (8246.18 करोड़ रुपये) जुटाने का ऐलान किया था। इसके तहत कंपनी ने जनरल अटलांटिक से 35 करोड़ डॉलर (2886.16 करोड़ रुपये) के साथ-साथ टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, रिबिट कैपिटल और टीवीएस कैपिटल से 10 करोड़ डॉलर (824.62 करोड़ रुपये) हासिल किए थे। कंपनी को अभी और निवेश मिलने की उम्मीद है। 100 करोड़ डॉलर के लक्ष्य से अभी फोनपे (PhonePe) 35 करोड़ डॉलर (2885.94 करोड़ रुपये) दूर है।

PhonePe क्यों जुटा रही है फंड :-

फोनपे (PhonePe) ने फंडिंग के जरिए जो पैसे जुटाए है, उसका इस्तेमाल यह भारत में पेमेंट्स (Payments) और इंश्योरेंस (Insurance) कारोबार को बढ़ाने में करेगी। इसके अलावा इन पैसों का इस्तेमाल अगले कुछ वर्षों में लेंडिंग (lending), स्टॉकब्रोकिंग (stockbroking), ओएनडीसी (डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क) पर आधारित शॉपिंग और अकाउंट एग्रीगेटर्स जैसे नए कारोबार को शुरू करने में भी होगा। फोनपे (PhonePe) ने यह फंड ऐसे समय में जुटाया है जब इसकी सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी पेटीएम (Paytm) कंपनी का वैल्यूएशन नवंबर 2021 में लिस्टिंग के बाद से 50 फीसदी गिर चुका था। 14 फरवरी को पेटीएम कम्पनी का वैल्यूएशन 520 करोड़ डॉलर (43065.39 करोड़ रुपये) से कुछ ही अधिक है। वैल्यूएशन में गिरावट के चलते पेटीएम की क्षमताओं पर सवाल उठे हैं। PhonePe ने इसी समय का सदुपयोग करते हुए खुद को ग्रो (Grow) करने के लिए नए फंड को जुटाने की तैयारी की।

नए कारोबार को अगले कुछ वर्षों में शुरू करने की योजना है। यह लेंडिंग कारोबार की शुरुआत ऐसे समय में करने जा रही है। जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY) ने कर्ज देने वाले ऐप्स पर सख्ती की है।

2015 में हुई PhonePe की शुरुआत :

फोनपे (PhonePe) को फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जेक्यूटिव्स समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने शुरू किया था।

वर्तमान समय में फोनपे (PhonePe) के 40 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स है। फोनपे (PhonePe) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस के मामले में मार्केट लीडर है। मंथली यूपीआई (UPI) वॉल्यूम्स के हिसाब से इसकी बाजार में 47 फीसदी हिस्सेदारी है।

वर्ष 2017 में फोनपे (PhonePe) ने फाइनेंशियल सर्विसेज (financial services) की शुरुआत की थी। जिससे ग्राहकों को बिल (Bill) और यूटिलिटी पेमेंट्स (utility payments) के अलावा फोनपे के प्लेटफॉर्म पर गोल्ड (Gold), इंश्योरेंस (Insurance) और म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) को खरीदने की सुविधा मिली। फोनपे (PhonePe) को 2016 में फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया था और कंपनी सिंगापुर शिफ्ट हो गई थी।

पिछले साल फोनपे (PhonePe) ने गिगइंडिया (GigIndia), वेल्थडेस्क (WealthDesk), ओपनक्यू (OpenQ) और इंडसओएस (IndusOS) का अधिग्रहण किया था।

पिछले साल फोनपे (PhonePe) को फ्लिपकार्ट (Flipkart) से पूरी तरह से अलग कर दिया गया लेकिन दोनों की पैरेंट कंपनी वालमार्ट ही रही। वर्तमान समय में फोनपे (PhonePe) कंपनी भारत में शिफ्ट हो गई है।

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