-->

Search Bar

NSDL IPO 2025 से पहले जानें CDSL और NSDL की पूरी तुलना हिंदी में

NSDL IPO 2025 से पहले जानें CDSL और NSDL की पूरी तुलना हिंदी में, "NSDL IPO 2025 से पहले जानें CDSL और NSDL की पूरी तुलना हिंदी में" — इस प्रोफेशनल इमेज में एक क्लीन बैकग्राउंड के साथ बाईं ओर एक डॉलर आइकन वाला लाइटबल्ब है। दाईं ओर साफ़ और बैलेंस में लिखा हुआ टेक्स्ट है। नीचे CDSL और NSDL के आधिकारिक लोगो दिखाई दे रहे हैं। इमेज का डिज़ाइन इनफॉर्मेटिव और विज़ुअली संतुलित है।
NSDL IPO 2025 से पहले जानें CDSL और NSDL की पूरी तुलना हिंदी में

🏦 NSDL बनाम CDSL: NSDL IPO से पहले कौन है भारत का अग्रणी डिपॉजिटरी?

जैसे ही नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) 30 जुलाई 2025 को अपना आईपीओ (IPO) लॉन्च करने जा रहा है, निवेशकों का ध्यान भारत के डिपॉजिटरी बाजार की ओर गया है। भारत की इस इंडस्ट्री में दो प्रमुख खिलाड़ी हैं – NSDL और CDSL (Central Depository Services Limited)

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कौन-सी कंपनी रेवेन्यू, मार्केट शेयर, और ग्रोथ के मामले में आगे है, और NSDL के IPO से निवेशकों को क्या समझना चाहिए।


🔍 NSDL IPO की मुख्य जानकारी

  • आईपीओ आकार: 4,011.6 करोड़

  • प्रकार: 100% ऑफर फॉर सेल (OFS) – कोई नया फंड नहीं जुटाया जाएगा

  • प्राइस बैंड: 760 – 800 प्रति शेयर

  • आईपीओ तारीखें: 30 जुलाई से 1 अगस्त 2025

  • लिस्टिंग: 6 अगस्त 2025 (BSE पर)

प्रमुख विक्रेता शेयरधारक हैं – IDBI बैंक, NSE, SBI, HDFC बैंक, और यूनियन बैंक।


🏦 NSDL और CDSL का परिचय

भारत में डिपॉजिटरी सिस्टम की शुरुआत 1996 में हुई थी जब शेयरों को भौतिक रूप से रखने की जगह इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाने लगा।

  • NSDL: वर्ष 1996 में शुरुआत

  • CDSL: वर्ष 1999 में शुरुआत
    आज ये दोनों मिलकर 190 मिलियन (19 करोड़) से अधिक डिमैट अकाउंट्स को संभालते हैं।


💸 रेवेन्यू और मुनाफे की तुलना (FY25)

मेट्रिक NSDL CDSL
कुल रेवेन्यू 1,420.15 करोड़ 1,082.21 करोड़
नेट प्रॉफिट (PAT) 343.12 करोड़ 526.33 करोड़
EBITDA 492.94 करोड़ 743.99 करोड़
PAT मार्जिन (%) 22.35% 48.63%
ROE (%) 17.11% 29.90%

📌 निष्कर्ष:
हालाँकि NSDL का रेवेन्यू ज्यादा है, लेकिन CDSL का प्रॉफिट और मार्जिन उससे कहीं बेहतर है। इसका मतलब है कि CDSL ज्यादा कुशलता से ऑपरेट करता है।


📊 रेवेन्यू ब्रेकडाउन – किससे कमाई होती है?

आय स्रोत NSDL (%) CDSL (%)
ट्रांजैक्शन चार्ज 49.46% 51.60%
कस्टडी फीस 34.50% 33.11%
अन्य सेवाएँ 16.05% 15.29%

✅ दोनों कंपनियों की आय का सबसे बड़ा हिस्सा ट्रांजैक्शन फीस से आता है, लेकिन NSDL की स्टेबल इनकम यानी कस्टडी फीस से कमाई थोड़ी अधिक है।


📈 डिमैट अकाउंट्स और कस्टडी वैल्यू की तुलना

मेट्रिक NSDL CDSL
डिमैट अकाउंट्स 3.95 करोड़ 15.30 करोड़
कुल कस्टडी वैल्यू 4,64,16,404 करोड़ 70,52,402 करोड़
प्रति अकाउंट औसत वैल्यू 1.18 करोड़ 0.05 करोड़
DP सर्विस सेंटर्स 65,391 18,918

📍 मुख्य अंतर:

  • CDSL रिटेल अकाउंट्स में अग्रणी है।

  • NSDL के पास उच्च मूल्य वाले संस्थागत क्लाइंट्स हैं।


📊 मार्केट शेयर तुलना

मेट्रिक NSDL CDSL
डिमैट अकाउंट्स का शेयर 20.5% 79.5%
कस्टडी वैल्यू का शेयर 86.81% 13.19%
प्रति अकाउंट ट्रांजैक्शन रेवेन्यू 91.69 33.21
अनलिस्टेड कंपनियों का रजिस्ट्रेशन 73.04% 26.96%
एक्टिव इंस्ट्रूमेंट्स में मार्केट शेयर 65.27% 34.73%

📌 निष्कर्ष:
NSDL भले ही अकाउंट्स में पीछे हो, लेकिन मूल्य और संस्थागत पकड़ में बहुत आगे है।


👥 क्लाइंट प्रोफाइल – रिटेल vs इंस्टिट्यूशनल

मेट्रिक (FY25) NSDL CDSL
नए निवेशक अकाउंट्स 0.37 करोड़ 3.77 करोड़
NRI और संस्थागत अकाउंट्स 0.11 करोड़ 0.023 करोड़
इशुअर्स की संख्या 79,773 35,922

📌 मुख्य बात:

  • CDSL = रिटेल में ताकत

  • NSDL = संस्थागत और उच्च नेट वर्थ वाले क्लाइंट्स पर फोकस


🧭 निवेशकों के लिए रणनीतिक सुझाव

निवेश प्राथमिकता उपयुक्त डिपॉजिटरी
लंबी अवधि का संस्थागत भरोसा ✅ NSDL
उच्च मार्जिन, स्केलेबल रिटेल ग्रोथ ✅ CDSL

दोनों कंपनियाँ भारत के वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ हैं, और आने वाले वर्षों में डिजिटल निवेश और वित्तीय समावेशन के साथ ये और मजबूत होंगी।


✅ निष्कर्ष: NSDL IPO के साथ पूरा मार्केट अब आपके सामने है

  • NSDL की ताकत है संस्थागत पकड़, बड़ा वैल्यू बेस, और स्थिर रेवेन्यू।

  • CDSL की ताकत है स्केलेबिलिटी, रिटेल नेटवर्क और बेहतर प्रॉफिटबिलिटी।

अब जब NSDL भी पब्लिक हो रही है, तो निवेशकों के पास दोनों डिपॉजिटरी में हिस्सेदारी लेने का अवसर होगा।


👉 इस तरह के और अपडेट्स, IPO समीक्षा, और फाइनेंशियल गाइड्स के लिए जुड़े रहें ब्लॉग से।
📲 हमें ट्विटर, लिंक्डइन और व्हाट्सएप पर फॉलो करें रियल-टाइम अपडेट्स के लिए।

Advertisement
BERIKAN KOMENTAR ()