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एक साल में तेजी से बढ़ा UPI Transaction, RBI ने कहा कि Daily UPI Transaction 50% बढ़कर 36 करोड़ के पार पहुंचा |
एक साल में तेजी से बढ़ा UPI Transaction, RBI ने कहा कि Daily UPI Transaction 50% बढ़कर 36 करोड़ के पार पहुंचा :-
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बताया कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) पिछले 1 साल में तेजी से बढ़ा है। डेली ट्रांजेक्शंस भी 36 करोड़ को पार कर गया है, जो फरवरी 2022 के 24 करोड़ से 50% ज्यादा है। वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो यह ट्रांजेक्शंस 6.27 लाख करोड़ रुपए के हैं, जो फरवरी 2022 में 5.36 लाख करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन से 17% ज्यादा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने RBI हेडक्वार्टर्स में डिजिटल पेमेंट्स अवेयरनेस वीक (Digital Payments Awareness Week) का शुभारंभ करते हुए UPI और Digital Payment के बारे में जानकारी दी है।
दिसंबर 2022 से हर महीने 1000 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि पिछले तीन महीनों की बात करें तो दिसंबर 2022 से हर महीने का ओवरऑल मंथली डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शंस 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है।
साथ में उन्होंने बताया है कि हमारे पेमेंट सिस्टम (Payment System) के बारे में विश्व स्तर पर बात की जाती है और कई देशों ने हमारी सफलता की कहानी को दोहराने में रुचि दिखाई है। जो कि हमारे लिए गर्व की बात है।
आगे उन्होंने बताया है कि हमारा पेमेंट इकोसिस्टम और कंज्यूमर का उसे एक्सेप्ट करना। यह हमारे सिस्टम की मजबूती के बारे में बताता है। हाल ही में 90 हजार लोगों के बीच पेन इंडिया डिजिटल पेमेंट सर्वे किया गया था। जिसमें यह पता चला था कि 90 हजार में से 42% लोग डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का यूज करते हैं।
UPI को 2016 में लॉन्च किया गया :
UPI को 2016 में लॉन्च किया गया था। तबसे UPI सबसे पॉपुलर और पसंदीदा पेमेंट मोड (Payment Mode) के रूप में उभरा है, जो टोटल डिजिटल पेमेंट्स में सबसे आगे है। यह टोटल डिजिटल पेमेंट्स का 75% (पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजेक्शंस) है।
UPI ट्रांजेक्शंस का वॉल्यूम जनवरी में 804 करोड़ रहा :
UPI ट्रांजेक्शंस का वॉल्यूम जनवरी 2017 में 0.45 करोड़ था। जो बढ़कर जनवरी 2023 में 804 करोड़ हो गया है। इसी अवधि के दौरान (जनवरी 2017 में) UPI ट्रांजेक्शंस की वैल्यू 1,700 करोड़ रुपए थी। जो बढ़कर (जनवरी 2023 में) 12.98 लाख करोड़ रुपए हो गई है।
ट्रांजेक्शंस वॉल्यूम की बात करें तो UPI ट्रांजेक्शंस की संख्या जनवरी 2023 में 800 करोड़ से ज्यादा हो गई थी। जबकि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए 28 फरवरी को 3.18 करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शंस हुए थे, जो हाईएस्ट एवर डेली वॉल्यूम रहा था।
RBI ने 48 करोड़ से ज्यादा कार्ड टोकन बनाए :
टोकनाइजेशन एक्सरसाइज पर RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि RBI ने 48 करोड़ से ज्यादा कार्ड टोकन बनाए हैं, जिनके जरिए 86 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी टोकनाइजेशन एक्सरसाइज बन गई है। जो कि देश के लिए गर्व की बात हैं।
इकोसिस्टम के शुरू में टोकन से लेनदेन 35% था, जो वर्तमान समय में बढ़कर 62% हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 'हर पेमेंट डिजिटल' मिशन भी लॉन्च किया है, जो देश में डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए RBI की मदद करेगा।
पिछले 5 सालों में Digital Payment सालाना 15% बढ़ा :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बताया है कि पिछले 5 सालों में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) सालाना आधार पर 15% बढ़ा है। इकोनॉमी का फाइनेंशियल फॉर्मेलाइजेशन होना जरूरी है, क्योंकि पैसा किसी भी इकोनॉमी का कोर होता है।
Digital Vision 2025 :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने डिजिटल विजन 2025 (Digital Vision 2025) से यह सुनिश्चित करना चाहता है कि डिजिटल पेमेंट्स सबके लिए, हर जगह और हर समय अवेलेबल हो सके।
UPI की लॉन्चिंग से डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति :
भारत में UPI का लॉन्च 2016 में किया गया था। UPI लॉन्च होने पर दुनिया भर में डिजिटल पेमेंट में क्रांति आ गई है। UPI ने सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी है। जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसों को आसानी तथा सुरक्षित माध्यम से ट्रांसफर कर सकते हैं।
UPI के पहले डिजिटल वॉलेट का प्रचलन अधिक था। डिजिटल वॉलेट ओपन करने के लिए KYC जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। जबकि UPI में ऐसा कुछ भी नहीं करना पड़ता है, इसलिए UPI से पेमेंट करना बहुत आसान हो गया है। जो कि डिजिटल पेमेंट में क्रांति का विषय बना हुआ है।
UPI को कौन ऑपरेट करता है :
UPI को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करता है। भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। जबकि IMPS, RuPay, UPI, जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती हैं।
भारत सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मेंडेटरी किया था।