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एक महीने में Adani Group के शेयरों से GQG को मिला 100% रिटर्न, अब आगे ये है रुझान!

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एक महीने में Adani Group के शेयरों से GQG को मिला 100% रिटर्न, अब आगे ये है रुझान!

एक महीने में Adani Group के शेयरों से GQG को मिला 100% रिटर्न, अब आगे ये है रुझान :-

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों के भाव टूट रहे थे। तो GQG Partners ने 200 करोड़ डॉलर के शेयरों की खरीदारी की थी। अब एक महीने में ही GQG Partners का निवेश दोगुना से अधिक हो गया है। अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के आरोपों के चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ था। हालांकि इसी दौरान GQG Partners ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों पर दांव लगाया था।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों के भाव टूट रहे थे। तो GQG Partners ने 200 करोड़ डॉलर के शेयरों की खरीदारी इसलिए की, क्योंकि उनका मानना है कि अदाणी ग्रुप (Adani Group) के पास अच्छे-खासे एसेट्स हैं।

अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में गिरावट के बीच GQG Partners ने 200 करोड़ डॉलर के शेयरों की खरीदारी की और सिर्फ एक महीने में अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों से 100 फीसदी से अधिक रिटर्न हासिल लिया है।

जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन उभरते बाजारों में निवेश की स्ट्रैटजी पर काम करते हैं। जब अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर बुरी तरह टूट रहे थे। ऐसे समय में राजीव जैन ने अडानी ग्रुप (Adani Group) पर दांव लगाकर बंपर रिटर्न पाया।

Adani Group के प्रति GQG का रुझान :

जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन का मानना है कि अब भी अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयर 100 फीसदी से अधिक रिटर्न दे सकते हैं। ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में राजीव जैन ने बताया हैं कि अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयर पांच साल में मल्टीबैगर (Multibagger) साबित हो सकते हैं।

GQG के राजीव जैन ने क्यों लगाया Adani Group पर दांव :

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों के भाव टूट रहे थे। तो जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन ने इसमें बड़ा निवेश इसलिए किया क्योंकि उनका मानना है कि अदाणी ग्रुप (Adani Group) के पास अच्छे-खासे एसेट्स हैं। उदाहरण के लिए कोल माइनिंग, डेटा सेंटर्स और मुंबई एयरपोर्ट में मेजॉरिटी हिस्सेदारी जैसे अहम एसेट्स अडानी ग्रुप (Adani Group) के पास हैं। राजीव जैन का कहना है कि सिर्फ एयरपोर्ट ही किसी कंपनी से ज्यादा वैल्यूएबल है।

जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन के मुताबिक पीएम मोदी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और चीन जैसे देशों से मैनुफैक्चरिंग कंपनियों को आकर्षित करने पर काम कर रहे हैं तो इस काम में अदाणी ग्रुप (Adani Group) काफी मददगार साबित हो सकता है। साथ में अदाणी ग्रुप (Adani Group के कई प्रोजेक्ट्स सीधे देश के विकास लक्ष्यों से जुड़े हुए हैं और इकॉनमी के कई सेक्टर्स से हैं।

Hindenburg के आरोपों पर GQG Partners के विचार :

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन (stock manipulation) और अकाउंटिंग फ्रॉड (accounting fraud) जैसे गंभीर आरोप लगाए। जिसके चलते अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में बिकवाली का दबाव बना। हालांकि इस पर जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन का कहना है कि इस रिपोर्ट को 10 साल पुराने न्यूजपेपर की तरह पढ़ना चाहिए। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने आरोप लगाया है कि विदेशी खातों के जरिए अदाणी परिवार (Adani Family) ने बाजार नियामक सेबी के नियम का उल्लंघन किया। SEBI नियम के तहत लिस्टेड कंपनियों में पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम से कम 25 फीसदी रखने का प्रावधान है। इस पर जीक्यूजी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) राजीव जैन ने कहा कि इसमें आरोप है कि अदाणी परिवार (Adani Family) के पास 75 फीसदी से अधिक शेयर हैं? हालांकि इसका खुलासा उचित तरीके से नहीं किया गया लेकिन क्या इसे फर्जीवाड़ा कह सकते हैं?

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