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सैलरीड पर्सन के लिए बेस्ट टैक्स सेविंग स्कीम्स (2025) – इनकम टैक्स में बचत के आसान तरीके

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सैलरीड पर्सन के लिए बेस्ट टैक्स सेविंग स्कीम्स (2025) – इनकम टैक्स में बचत के आसान तरीके

💼 सैलरीड पर्सन के लिए बेस्ट टैक्स सेविंग स्कीम्स – पूरी जानकारी (2025)

हर सैलरीड व्यक्ति की ये कोशिश होती है कि उसकी सैलरी से टैक्स कम कटे और सेविंग ज़्यादा हो। लेकिन सही टैक्स सेविंग प्लानिंग के बिना या गलत स्कीम चुनने पर आप न केवल टैक्स ज़्यादा देंगे, बल्कि फाइनेंशियल गोल्स भी अछूते रह जाएंगे।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि एक सैलरीड पर्सन के लिए कौन-कौन सी टॉप टैक्स सेविंग स्कीम्स (Tax Saving Schemes for Salaried Person) होती हैं, और कैसे आप उनका अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।


🔑 High CPC Keywords Targeted:

  • Tax Saving Schemes for Salaried Person

  • Best Tax Saving Investments

  • Income Tax Saving Tips

  • Section 80C Deductions

  • Tax Saving Mutual Funds (ELSS)

  • NPS Tax Benefit

  • How to Save Income Tax

  • HRA Exemption Rules

  • 80CCD(1B) Deduction

  • Standard Deduction for Salaried


✅ टैक्स सेविंग क्यों ज़रूरी है?

  1. इनकम टैक्स कम देना: आप अपने टैक्स स्लैब के अनुसार 5%, 10%, 20% या 30% टैक्स देते हैं। उचित प्लानिंग से आप इसमें भारी कटौती कर सकते हैं।

  2. फाइनेंशियल सेफ्टी: सही टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट से लॉन्ग टर्म वेल्थ बनती है।

  3. सेक्शन 80C और अन्य डिडक्शन: सरकार टैक्स छूट के लिए कई रास्ते देती है – बस जानकारी होनी चाहिए।


🧮 1. Section 80C – ₹1.5 लाख तक की छूट

सबसे पहले बात करते हैं Income Tax Act की धारा 80C की। इसमें आप कुल ₹1.5 लाख तक की डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं:

👉 इसके अंतर्गत आने वाले लोकप्रिय विकल्प:

  • PPF (Public Provident Fund): 15 साल की लॉकइन, पूरी तरह टैक्स फ्री।

  • ELSS (Tax Saving Mutual Funds): Equity Mutual Fund में निवेश, सिर्फ 3 साल की लॉकइन।

  • LIC Premium: पॉलिसीधारक, पति/पत्नी और बच्चों के नाम की पॉलिसी पर छूट।

  • 5-Year Tax Saving FD: बैंक में 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉज़िट।

  • NSC (National Savings Certificate): पोस्ट ऑफिस योजना।

  • Principal of Home Loan: EMI का प्रिंसिपल हिस्सा भी इसमें शामिल होता है।

📌 Pro Tip: ELSS में सबसे कम लॉकइन और अधिक रिटर्न की संभावना होती है।


💰 2. NPS (National Pension Scheme) – 80CCD(1B)

अगर आपने 80C की लिमिट पूरी कर ली है, फिर भी ₹50,000 तक का अतिरिक्त डिडक्शन लेना चाहते हैं, तो NPS बेस्ट ऑप्शन है।

🎯 फायदें:

  • ₹50,000 तक की अतिरिक्त टैक्स छूट।

  • लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आदर्श।

  • सरकारी एवं प्राइवेट दोनों सेक्टर के कर्मचारी जुड़ सकते हैं।


🏡 3. HRA (House Rent Allowance) – किराये पर रहते हैं तो ज़रूर देखें

यदि आप किराए के घर में रहते हैं और सैलरी में HRA शामिल है, तो आप HRA छूट क्लेम कर सकते हैं।

HRA छूट कैलकुलेशन में 3 बातें देखी जाती हैं:

  • HRA का actual amount

  • Rent paid – 10% of Basic

  • 40% या 50% of Basic (metro/non-metro)

Example:
अगर आपकी सैलरी ₹50,000 है, HRA ₹15,000, और किराया ₹18,000 है, तो आप लगभग ₹1.5 लाख तक की छूट पा सकते हैं।


🧾 4. Standard Deduction – ₹50,000

हर सैलरीड पर्सन को ₹50,000 का standard deduction मिलता है, चाहे कोई अन्य खर्च हो या न हो। यह ऑटोमेटिक आपकी सैलरी से घट जाता है।


🏥 5. Section 80D – Health Insurance Premium

आप अपनी, अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता की हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट ले सकते हैं।

छूट कितनी मिलती है?

  • Self + Family (below 60 yrs): ₹25,000

  • Parents (above 60 yrs): ₹50,000
    👉 कुल मिलाकर आप ₹75,000 तक की छूट पा सकते हैं।


🎓 6. Section 80E – Education Loan Interest

यदि आप या आपके बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है, तो उस पर दिए गए ब्याज पर असीमित टैक्स छूट मिलती है (max 8 years तक)।


🧠 7. EPF (Employee Provident Fund)

EPF का योगदान भी 80C में शामिल होता है। आपकी सैलरी से 12% कटौती होती है और उतना ही नियोक्ता जोड़ता है। ब्याज और मैच्योरिटी दोनों टैक्स फ्री होती हैं।


🏠 8. Home Loan – सेक्शन 24(b)

Home Loan लेने पर आपको EMI के प्रिंसिपल (80C में) और ब्याज (Section 24b में) – दोनों पर टैक्स छूट मिलती है।

  • ब्याज पर छूट: ₹2 लाख तक प्रति वर्ष

  • यदि घर under construction है, तो possession के 5 साल तक ब्याज क्लेम किया जा सकता है।


💼 9. Leave Travel Allowance (LTA)

हर दो साल में एक बार, आप अपने फैमिली ट्रैवल खर्चों पर टैक्स छूट ले सकते हैं – लेकिन केवल डोमेस्टिक ट्रैवल पर।


📌 सुझाव: नई टैक्स व्यवस्था vs पुरानी व्यवस्था

अगर आप deductions (जैसे 80C, HRA, NPS) का लाभ लेते हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद होगी।

नई टैक्स व्यवस्था में इन सभी छूटों का लाभ नहीं मिलता, लेकिन टैक्स स्लैब कम होते हैं। इसलिए अपने खर्च और इन्वेस्टमेंट के आधार पर सही व्यवस्था चुनें।


📝 निष्कर्ष – Tax Planning है Future Planning

सैलरीड पर्सन के लिए टैक्स सेविंग सिर्फ टैक्स से बचने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक सही फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है।
यदि आप सही समय पर इन योजनाओं का लाभ उठाते हैं, तो न केवल टैक्स बचा सकते हैं बल्कि Wealth Creation भी कर सकते हैं।


📌 Bonus Tip:

  • साल के अंत में नहीं, बल्कि साल की शुरुआत में ही टैक्स प्लानिंग करें।

  • अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को रिव्यू करें।

  • जहां जरूरी हो वहां किसी Financial Advisor की मदद लें।


अगर आपको यह गाइड उपयोगी लगी, तो इसे अपने दोस्तों और सहकर्मियों के साथ ज़रूर शेयर करें।
टैक्स बचाएं, सेविंग बढ़ाएं, और फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर कदम बढ़ाएं।

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