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NSE ने F&O लॉट साइज में बड़ा बदलाव किया: Nifty 50, Bank Nifty और अन्य इंडेक्स के नए लॉट साइज 28 अक्टूबर से लागू

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NSE ने F&O लॉट साइज में बड़ा बदलाव किया: Nifty 50, Bank Nifty और अन्य इंडेक्स के नए लॉट साइज 28 अक्टूबर से लागू

📰 F&O में बड़ा बदलाव: NSE ने घटाए 4 प्रमुख इंडेक्स के लॉट साइज, 28 अक्टूबर 2025 से लागू

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने ट्रेडर्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) मार्केट में निफ्टी समेत 4 प्रमुख इंडेक्सों के लॉट साइज घटा दिए गए हैं। यह बदलाव 28 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगे।

यह कदम बाजार की तरलता (liquidity) बढ़ाने और निवेशकों को अधिक किफायती ट्रेडिंग का अवसर देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

📉 NSE के अनुसार नए लॉट साइज इस प्रकार होंगे:

इंडेक्स का नाम पुराना लॉट साइज नया लॉट साइज लागू होने की तारीख
Nifty 50 75 65 28 अक्टूबर 2025
Bank Nifty 35 30 28 अक्टूबर 2025
Nifty Financial Services 65 60 28 अक्टूबर 2025
Nifty MidSelect Index 140 120 28 अक्टूबर 2025
Nifty Next 50 50 (जैसा पहले था) कोई बदलाव नहीं

📅 कब तक पुराना लॉट साइज मान्य रहेगा?

NSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि निवेशक और ट्रेडर्स 30 दिसंबर 2025 तक मौजूदा लॉट साइज के साथ ट्रेड कर सकते हैं।

  • निफ्टी के वीकली और मंथली कॉन्ट्रैक्ट्स की आखिरी एक्सपायरी 23 दिसंबर 2025 को होगी।
  • बैंक निफ्टी और मंथली निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स की अंतिम एक्सपायरी 30 दिसंबर 2025 को निर्धारित की गई है।

उसके बाद जो भी नए कॉन्ट्रैक्ट जारी होंगे, वे संशोधित लॉट साइज के साथ ही उपलब्ध होंगे।

💡 NSE ने क्यों घटाया लॉट साइज?

NSE समय-समय पर F&O कॉन्ट्रैक्ट्स के लॉट साइज में बदलाव करता रहता है ताकि:

  1. कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू एक मानक दायरे में बनी रहे।
  2. मार्केट में वोलैटिलिटी और मार्जिन रिक्वायरमेंट्स संतुलित रहें।
  3. ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए किफायती और सुलभ बनी रहे।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स लीवरेज्ड प्रोडक्ट्स होते हैं, जिनमें निवेशक को पूरे कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू का भुगतान पहले से नहीं करना पड़ता।
हालांकि, लॉट साइज सीधे एक्सपोजर और मार्जिन आवश्यकता को प्रभावित करता है। इसलिए, लॉट साइज में यह बदलाव ट्रेडर्स के लिए जोखिम और पूंजी प्रबंधन दोनों में मददगार साबित होगा।

📊 निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?

यह बदलाव विशेष रूप से रिटेल और छोटे निवेशकों के लिए फायदेमंद है क्योंकि:

  • छोटे लॉट साइज के कारण मार्जिन कम लगेगा।
  • जोखिम प्रबंधन आसान होगा।
  • ट्रेडिंग वैल्यू कम होने से अधिक लोग F&O मार्केट में भाग ले सकेंगे।
  • लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे एग्जिट और एंट्री दोनों आसान होंगे।

⚠️ किस बात का ध्यान रखें?

  • यदि आपके पास पहले से कोई F&O पोजिशन है, तो उसकी एक्सपायरी डेट और लॉट साइज की जांच अवश्य करें।
  • नए कॉन्ट्रैक्ट्स में एंट्री लेने से पहले संशोधित लॉट साइज और मार्जिन आवश्यकता को ध्यान में रखें।
  • ब्रोकर्स और निवेश सलाहकार से री-कैलिब्रेशन ऑफ पोर्टफोलियो पर विचार करें।

🏦 NSE का बयान:

NSE ने कहा —

“सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्लाइंट्स को सूचित करें, जिनके पास पोजिशन है या जो नई पोजिशन लेना चाहते हैं, कि नीचे बताई गई तारीखों से लॉट साइज में बदलाव लागू होंगे।”

यह कदम मार्केट की स्थिरता और दीर्घकालिक निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने के लिए है।

📈 निष्कर्ष (Conclusion):

NSE का यह कदम बाजार को संतुलित और निवेशक-अनुकूल बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा सुधार है।
छोटे लॉट साइज से F&O मार्केट में भागीदारी बढ़ेगी, जिससे मार्केट लिक्विडिटी और डेप्थ दोनों सुधरेंगे।
यदि आप F&O ट्रेडर हैं, तो 28 अक्टूबर 2025 से पहले अपनी रणनीति और पोजिशन की समीक्षा अवश्य करें।

FAQs: NSE F&O Lot Size Change 2025

Q1. नया लॉट साइज कब से लागू होगा?
👉 नया लॉट साइज 28 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।

Q2. क्या पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स पर असर पड़ेगा?
👉 नहीं, पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स 30 दिसंबर 2025 तक मौजूदा लॉट साइज में रहेंगे।

Q3. किन इंडेक्सों का लॉट साइज घटा है?
👉 Nifty 50, Bank Nifty, Nifty Financial Services और Nifty MidSelect Index के लॉट साइज घटाए गए हैं।

Q4. क्या Nifty Next 50 का लॉट साइज बदला गया है?
👉 नहीं, Nifty Next 50 का लॉट साइज पहले जैसा ही रहेगा।

Q5. निवेशकों के लिए इसका क्या फायदा है?
👉 छोटे लॉट साइज से ट्रेडिंग सस्ती और लिक्विडिटी अधिक होगी, जिससे जोखिम प्रबंधन आसान बनेगा।

Abhay Kumar Jain

Abhay Kumar Jain

Empowering HNIs & Corporates with Tailored Investment Strategies.
Helping Clients with IPOs, Algo Trading & Portfolio Growth.

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