![]() |
जंगल का राजा शेर ही क्यों ? |
जंगल का राजा शेर ही क्यों ?
आप लोगों में से सभी ने यह सुना होगा कि शेर जंगल का राजा होता है ? पर आपके मन में कभी कोई सवाल नहीं आया होगा कि आखिर शेर जंगल का राजा क्यों है?
हाथी, शेर से ज्यादा ताकतवर होता है;
जिराफ, शेर से ज्यादा ऊंचा होता है;
बंदर, शेर से ज्यादा छलांग लगा सकता है;
लोमड़ी, शेर से ज्यादा चालाक होती है;
चील की आंखों से कोई नहीं बच सकता है लेकिन शेर फिर भी जंगल का राजा कहलाता है।
आखिर शेर जंगल का राजा क्यों है?
Read also :-
शेर इन जानवरों से इन क्वालिटी में कमजोर होता है लेकिन फिर भी शेर जंगल का राजा कहलाता है।
इसका मतलब यह हुआ कि शासन करने के लिए इन क्वालिटी की आवश्यकता नहीं है,
बल्कि कुछ और ही कारण है जिसके कारण शेर को जंगल का राजा कहा जाता है।
जंगल में बहुत से जानवर होते हैं लेकिन शेर को ही जंगल का राजा कहा जाता है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण शेर की विस्तृत मानसिकता है
शेर में हाथी जैसी ताकत, जिराफ जैसी ऊंचाई, बंदर जैसी छलांग लगाने की ताकत तथा लोमड़ी जैसी चालाकी नहीं है लेकिन फिर भी शेर जंगल का राजा है क्योंकि उसे पता है कि उससे कोई नहीं हरा सकता है उसे पता है कि उससे ताकतवर कोई नहीं है।
जब शेर, हाथी के पास जाता है तो उसे पता होता है कि हाथी उसका शिकार है और वह उसको खा जाएगा;
जबकि हाथी के मन में एक ही डर लगा होता है कि शेर शिकारी है और यह मुझे खा जाएगा। विशालकाय हाथी की यही संकुचित सोच उसके विनाश का कारण बनती है।
जब शेर, जिराफ के पास जाता है तो उसे पता होता है कि जिराफ उसका शिकार है और वह उसको खा जाएगा; जबकि जिराफ के मन में एक ही डर लगा होता है कि शेर शिकारी है और यह मुझे खा जाएगा। गगनचुंबी जिराफ की यही संकुचित सोच उसके विनाश का कारण बनती है।
बस यही कारण है कि शेर अपने आप को मजबूत, ताकतवर और भरोसेमंद समझता है जबकि अन्य जानवर जो कि वास्तव में ताकतवर है; लेकिन वह अपने आप को ताकतवर महसूस नहीं करते हैं।
Read also :-
दोस्तों! जिंदगी भी कुछ ऐसी ही है, कई लोग खूब मेहनत करते हैं पर सफलता उनके हाथ नहीं लगती है लेकिन कुछ लोग थोड़ी ही मेहनत करके कामयाबी हासिल कर लेते हैं।
इसलिए कहा जाता है कि रुचि अनुयायी वीर्य।
अर्थात् रुचि का अनुसरण सामर्थ्य करती है।
कहने का मतलब यह है कि हमारी सोच जिस दिशा की ओर ज्यादा बढ़ती है, हमारा सामर्थ्य भी उसी दिशा का अनुसरण करता है।
दोस्तों! जिंदगी भी कुछ ऐसी ही है हम कितनी भी मेहनत क्यों ना करले, तब तक राजा नहीं बन सकते, जब तक हमारे अंदर से यह आवाज नहीं आएगी कि तू कर सकता है? तुझसे बड़ा कोई नहीं है? तेरी छोटी सी सफलता तुझे सक्सेस दिला जाएगी?
वास्तव में कुदरत हमें बहुत कुछ सिखाती है। कि सफल होने के लिए हमें बहुत से संसाधनों की आवश्यकता नहीं है बल्कि हमारे पास जो भी संसाधन है उनका सही तरीके से प्रयोग करके हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।
जैसा कि लोक व्यवहार में कहा जाता है कि सिंहासन राजा को चुनता है, ना कि राजा सिंहासन को।
कहने का मतलब यह है कि यदि आपके पास काबिलियत है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। हां थोड़ी बहुत समय जरूर लगेगा लेकिन एक ना एक दिन आप सफल जरूर होंगे क्योंकि सफलता एक दिन में नहीं मिलती लेकिन निरंतर प्रयास करने पर सफलता एक दिन जरूर मिलती है।
शेर जंगल का राजा होता है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह अपने काम को पूरी शिद्दत के साथ पूरा करता है।
शेर जब भी शिकार करता है तो वह उस काम को करने के लिए अपना सर्वस्व झोंक देता है क्योंकि उसका फोकस मात्र शिकार करना ही रहता है इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से देख सकते हैं....
शेर की रफ्तार 58 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि हिरण की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
हिरण शेर से काफी हल्का भी होता है इसलिए शेर से तेज भाग सकता है लेकिन अक्सर शेर हिरण का शिकार कर लेता है।
Read also :-
क्योंकि हिरण को लगता है कि वह शेर से कमजोर है और यही खौफ उसे बार-बार पीछे देखने पर मजबूर करता है, जिससे हिरण का हौसला और रफ्तार दोनों कम हो जाती है इसलिए वह शिकार हो जाता है।
इसलिए आप भी खुद पर यकीन रखिए है अपनी कमजोरियों को बार-बार याद करते हुए पीछे मुड़कर मत देखिए, बल्कि अपने सपने और अपने लक्ष्य पर ध्यान रखते हुए अपने मार्ग पर अग्रसर होते रहिए।
कोई आपका साथ दे या फिर ना दें आप अपने आप पर यकीन रखिए और अपने मार्ग पर निरंतर अग्रसर होते रहिए।
Advertisement