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जेब्रा और जिराफ अफ्रीका से भारत आ रहे हैं | वन विहार भोपाल 2025 |
वन मंत्री का दावा : 26 जनवरी से पहले जेब्रा और जिराफ को अफ्रीका से भारत (मध्य प्रदेश) लाया जाएगा
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जिसे टाइगर स्टेट कहा जाता है, अब धीरे-धीरे चीता स्टेट और वाइल्डलाइफ टूरिज्म का बड़ा केंद्र भी बनता जा रहा है। हाल ही में अफ्रीका से 8 चीते लाकर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में छोड़े गए। अब राज्य के वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने घोषणा की है कि 26 जनवरी 2023 से पहले अफ्रीका से जेब्रा (Zebra) और जिराफ (Giraffe) भी भारत लाए जाएंगे।
इन विदेशी जानवरों को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क (Van Vihar National Park, Bhopal) में बसाने की तैयारी की जा रही है।
जेब्रा और जिराफ भारत क्यों लाए जा रहे हैं?
वन मंत्री ने बताया कि जैसे चीतों के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सबसे उपयुक्त जगह माना गया था, उसी तरह जेब्रा और जिराफ के लिए वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को चुना गया है। यहां का प्राकृतिक वातावरण, झील और हरियाली इन विदेशी जानवरों के लिए सुरक्षित और अनुकूल मानी जा रही है।
इसके बाद पर्यटक जब वन विहार भोपाल घूमेंगे तो बाघ, शेर, भालू, लोमड़ी और बारहसिंघा जैसे जानवरों के साथ जेब्रा और जिराफ की झलक भी ले सकेंगे।
वन विहार नेशनल पार्क की खासियत
- स्थापना: वन विहार को 26 जनवरी 1983 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
- लोकेशन: यह देश का इकलौता नेशनल पार्क है जो राजधानी भोपाल के बीचों-बीच स्थित है।
- क्षेत्रफल: लगभग 445.21 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जिसमें पहाड़ और बड़ा तालाब शामिल है।
- पर्यटक आकर्षण: यहां हर साल 1.5 से 2 लाख पर्यटक आते हैं।
इसी वजह से यह जगह जेब्रा और जिराफ के लिए सबसे उपयुक्त बताई गई है।
भोपाल में नया अभयारण्य बनने की संभावना
वन मंत्री ने यह भी कहा कि भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में टाइगर मूवमेंट (Tiger Movement in Bhopal) देखा जा रहा है। इसलिए इस क्षेत्र को भविष्य में टाइगर सैंक्चुरी (Tiger Sanctuary) के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों और वन्यजीव प्रेमियों की मदद ली जाएगी।
नेशनल पार्क में प्लास्टिक पर बैन
प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।
- 1 जनवरी 2023 से सभी नेशनल पार्क में प्लास्टिक बोतल और थैलियों पर पूरी तरह बैन लगाया जाएगा।
- पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्क में जगह-जगह Water ATM लगाए जाएंगे।
- खाने-पीने की सामग्री भी केवल इको-फ्रेंडली पैकिंग में ही ले जाई जा सकेगी।
पर्यटन और रोजगार पर असर
अगर अफ्रीका से जेब्रा और जिराफ भारत आते हैं तो इससे भारत में वाइल्डलाइफ टूरिज्म (Wildlife Tourism in India) को नई पहचान मिलेगी।
- मध्यप्रदेश का पर्यटन बढ़ेगा।
- स्थानीय लोगों को नए रोजगार मिलेंगे।
- भोपाल वन विहार भारत का पहला ऐसा पार्क बन सकता है जहां पर्यटक एक साथ बाघ, शेर, चीता, जेब्रा और जिराफ देख सकेंगे।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. जेब्रा और जिराफ भारत कब तक लाए जाएंगे?
👉 वन मंत्री के अनुसार 26 जनवरी 2023 से पहले इन्हें अफ्रीका से लाकर भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में बसाया जाएगा।
Q2. जेब्रा और जिराफ को कहां देखा जा सकेगा?
👉 भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क में।
Q3. क्या जेब्रा और जिराफ के आने से पर्यटन बढ़ेगा?
👉 हां, इससे भोपाल और मध्यप्रदेश में वाइल्डलाइफ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
Q4. क्या नेशनल पार्क में प्लास्टिक पर रोक होगी?
👉 हां, 1 जनवरी 2023 से प्लास्टिक बोतल और थैलियों पर बैन लगाया जाएगा।
Q5. क्या भोपाल में नया अभयारण्य भी बनेगा?
👉 सरकार इस पर विचार कर रही है क्योंकि यहां टाइगर मूवमेंट देखा गया है।