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जैन शास्त्रों में वर्णित राम की रामायण | Jain Ramayan Facts in Hindi |
जैन शास्त्रों में वर्णित राम की रामायण – एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण
परिचय
भारतीय संस्कृति में भगवान राम का नाम श्रद्धा और आस्था का पर्याय है। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है क्योंकि उन्होंने जीवन में हर परिस्थिति में धर्म और मर्यादा का पालन किया।
जहां एक ओर हिंदू धर्म की रामायण में राम को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है, वहीं दूसरी ओर जैन शास्त्रों में राम का वर्णन एक अलग दृष्टिकोण से मिलता है।
जैन धर्म की मान्यता के अनुसार राम और लक्ष्मण जिनधर्मी और अहिंसाव्रती थे। इतना ही नहीं, हनुमान, बाली, सुग्रीव, रावण और यहां तक कि सीता जी के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग जैन ग्रंथों में भिन्न रूप से मिलते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि जैन रामायण में राम, लक्ष्मण, हनुमान और रावण जैसे महापुरुषों का वर्णन किस प्रकार किया गया है और यह सामान्य लोक में प्रचलित कथाओं से कैसे भिन्न है।
इस लेख में हम यह बताएंगे ;
- Jain Ramayan Facts in Hindi
- Jain Scriptures about Lord Ram
- जैन धर्म में रामायण की कथा
- जैन शास्त्रों में रावण का वध
- राम और लक्ष्मण जैन दृष्टिकोण
- हनुमान जैन धर्म में
- मर्यादा पुरुषोत्तम राम जैन कथा
- Jain view on Ramayan
- जैन ग्रंथों की रामायण
मर्यादा पुरुषोत्तम राम – सार्वभौमिक व्यक्तित्व
- "मर्यादा पुरुषोत्तम" उपाधि केवल राम को ही दी गई है।
- पिता दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्ष का वनवास स्वीकार करना राम के धैर्य और धर्मनिष्ठा का परिचायक है।
- इस उपाधि से स्पष्ट है कि राम का व्यक्तित्व केवल एक धर्म या संप्रदाय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनका चरित्र जैन, बौद्ध और हिंदू धर्म सभी में पूजनीय माना गया।
जैन शास्त्रों में वर्णित रामायण के प्रमुख तथ्य
1. राम और लक्ष्मण का स्वरूप
- राम (पद्म) बलभद्र थे और उन्होंने अंत में मोक्ष प्राप्त किया।
- लक्ष्मण नारायण कहलाए और उन्होंने ही रावण (प्रति नारायण) का वध किया।
- दोनों भाई अहिंसा और जिनधर्म के अनुयायी थे।
2. हनुमान का वास्तविक परिचय
- हनुमान का असली नाम श्रीशैल था।
- वे विद्याधर वंश के थे, बंदर नहीं।
- जन्मोत्सव हनुरूह द्वीप में मनाने से उनका नाम हनुमान पड़ा।
- पवन (हवा) के पुत्र नहीं, बल्कि पवनन्जय और अंजना के पुत्र थे।
- हनुमान अत्यंत सुंदर और कामदेव तुल्य थे और अंततः उन्होंने भी मोक्ष प्राप्त किया।
3. वानर और राक्षस की व्याख्या
- हनुमान, सुग्रीव, बाली आदि कोई बंदर नहीं थे, वे वानर वंश से संबंधित थे।
- रावण, कुंभकर्ण, विभीषण आदि कोई राक्षस नहीं थे, बल्कि उनका वंश नाम राक्षस था।
- ये सभी विद्याधर थे और अहिंसा व्रत का पालन करते थे।
4. रावण का चरित्र
- रावण का वास्तविक नाम दशानन था।
- उनके गले में नौ मोतियों वाला हार था जिसमें नौ प्रतिबिंब दिखाई देते थे, इसलिए उनका नाम दशानन पड़ा।
- रावण भगवान शांतिनाथ का परम भक्त और महान विद्वान था।
- रावण, कुंभकर्ण और इंद्रजीत सभी ने अंत में जिनदीक्षा लेकर मोक्ष प्राप्त किया।
- भविष्य में रावण स्वयं तीर्थंकर होंगे।
5. सीता हरण की वास्तविक कथा
- प्रचलित मान्यता के विपरीत, राम और लक्ष्मण हिरण का शिकार करने नहीं गए थे।
- उस समय वे खर-दूषण से युद्ध कर रहे थे और तभी रावण ने सीता का हरण किया।
6. रावण का वध किसने किया?
- रावण को राम ने नहीं, बल्कि लक्ष्मण (नारायण) ने मारा।
- जैन मान्यता के अनुसार, नारायण ही प्रति नारायण का वध करता है।
7. स्त्रियों की दीक्षा और स्वर्ग
- सीता, मंदोदरी (रावण की पत्नी), चन्द्रनखा (रावण की बहन) आदि ने आर्यिका दीक्षा ली।
- उन्होंने तपस्या और साधना द्वारा स्वर्ग प्राप्त किया।
8. राम और सीता के पुत्र
- जैन ग्रंथों में राम और सीता के पुत्रों के नाम लवण और अंकुश मिलते हैं।
- यही आगे चलकर लोक में लव और कुश के नाम से प्रसिद्ध हुए।
जैन रामायण और लोकप्रचलित रामायण में अंतर
विषय | लोकमान्यता (हिंदू धर्म) | जैन शास्त्रों की मान्यता |
---|---|---|
हनुमान | वानर (बंदर के रूप) | विद्याधर, सुंदर और दिव्य शक्तियों के धनी |
रावण | 10 मुख वाला राक्षस | दशानन नाम का विद्वान, अहिंसक और भक्त |
बाली | राम द्वारा वध | बाली ने पहले ही जिनदीक्षा ली |
रावण वध | राम द्वारा | लक्ष्मण (नारायण) द्वारा |
सीता पुत्र | लव और कुश | लवण और अंकुश |
अंत | राम और हनुमान अवतार | सभी ने मोक्ष प्राप्त किया |
जैन शास्त्रों में राम का महत्व
- राम का जीवन धर्म, सत्य और अहिंसा पर आधारित था।
- उन्होंने कभी भी मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया, इसी कारण वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
- जैन दृष्टि से, राम एक ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने मोक्षमार्ग अपनाया और आत्मा की मुक्ति प्राप्त की।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. जैन शास्त्रों में राम को किस नाम से जाना जाता है?
👉 राम को पद्म नाम से और बलभद्र रूप में वर्णित किया गया है।
Q2. रावण को किसने मारा था – राम या लक्ष्मण?
👉 जैन शास्त्रों के अनुसार, रावण को लक्ष्मण (नारायण) ने मारा था।
Q3. जैन धर्म में हनुमान किस रूप में वर्णित हैं?
👉 हनुमान विद्याधर वंश के थे, न कि बंदर। उनका असली नाम श्रीशैल था।
Q4. क्या रावण जैन धर्म का अनुयायी था?
👉 हाँ, रावण भगवान शांतिनाथ का परम भक्त और अहिंसा धर्म का पालन करने वाला था।
Q5. सीता के पुत्रों के नाम जैन ग्रंथों में क्या मिलते हैं?
👉 जैन ग्रंथों में उनके नाम लवण और अंकुश बताए गए हैं।
Q6. क्या जैन रामायण और तुलसीदास की रामायण एक जैसी हैं?
👉 नहीं, जैन रामायण में कई घटनाएँ और पात्रों का स्वरूप भिन्न है।