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सरकारी बैंकों का मुनाफा पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए पार; महंगे लोन से आय बढ़ने और फिनटेक के चलते खर्च घटने से बढ़ा प्रॉफिट! |
सरकारी बैंकों का मुनाफा पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए पार; महंगे लोन से आय बढ़ने और फिनटेक के चलते खर्च घटने से बढ़ा प्रॉफिट :-
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष (2022-23) में सरकारी बैंकों का कुल मुनाफा पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा 1,04,649 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2017-18 में इन बैंकों को 85 हजार करोड़ का घाटा हुआ था। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के सीनियर डायरेक्टर अरुण कुमार अय्यर ने बताया हैं कि 'बैंकों ने फिनटेक कंपनियों को बिजनेस पार्टनर बनाया। इससे डिपॉजिट, निकासी और फंड ट्रांसफर जैसे काम बैंक से बाहर होने लगे। यदि ये सारे ट्रांजेक्शन बैंक ब्रांच या एटीएम के जरिये होते तो बैंकों का खर्च बढ़ता।’
साथ में इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व सीएमडी एम नरेंद्र ने बताया है कि फिनटेक ने बैंकों के छोटे लोन पर खर्च बचा दिए। ये नए खाते खोलने में भी मददगार साबित हुए।
पांच साल में बदली सूरत ज्यादातर सरकारी बैंक घाटे से मुनाफे में लौटे :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India)
वित्त वर्ष 2017-18 में -6,547 करोड़ रुपए का लॉस
वित्त वर्ष 2022-23 में 50,232 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)
वित्त वर्ष 2017-18 में 2,432 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
वित्त वर्ष 2022-23 में 14,110 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)
वित्त वर्ष 2017-18 में -12,283 करोड़ रुपए का लॉस
वित्त वर्ष 2022-23 में 2,507 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
यूनियन बैंक (Union Bank)
वित्त वर्ष 2017-18 में -5,247 करोड़ रुपए का लॉस
वित्त वर्ष 2022-23 में 8,433 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
इंडियन बैंक (Indian Bank)
वित्त वर्ष 2017-18 में 1,259 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
वित्त वर्ष 2022-23 में 5,282 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
इण्डियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank)
वित्त वर्ष 2017-18 में -6,300 करोड़ रुपए का लॉस
वित्त वर्ष 2022-23 में 2,099 करोड़ रुपए का प्रॉफिट
लोन पर डिफॉल्ट कम हुए :
यूको बैंक (UCO Bank) के रिटायर्ड ईडी अजय व्यास ने बताया हैं कि ‘फिनटेक के बेहतर रिस्क एनालिसिस से लोन डिफॉल्ट और खर्च घटे हैं। मसलन, 2017-18 में सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) की आय के मुकाबले खर्च का अनुपात 50.18% था। अभी ये घटकर 35.58% पर आ गया है। जो कि SBI Bank के लिए अच्छा है।
यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शंस से बचत :
वित्त वर्ष 2022-23 में 83.71 अरब लेनदेन यूपीआई के जरिये हुए। तीन साल में ये 4 गुना बढ़े हैं। ब्रांच में हर लेनदेन पर 24 रुपए, एटीएम ट्रांजेक्शन (ATM Transaction) पर 15-18 रुपए और पीओएस (POS) पर हर कार्ड स्वैप का खर्च 3-5 रुपए बैठता है। फिनटेक के जरिये ट्रांजेक्शन (transaction) से ये खर्च बच रहे हैं।
फिनटेक ने बढ़ाया कवरेज :
पेनियरबॉय फिनटेक के CEO और MD आनंद बजाज ने बताया हैं कि 7.25 लाख गांवों के लिए सिर्फ 25 हजार बैंक ब्रांच हैं। फिनटेक ने गांवों को फाइनेंशियल सर्विसेज से जोड़ा है। ऐसे प्लेटफॉर्म से लेनदेन का 50% बैंकों को जाता है। ये न लोन देते और न ही डिपॉजिट लेते हैं।