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| म्यूचुअल फंड की दुनिया में नई इनोवेशन: Gold-Silver Combo FoFs – एक ही फंड से सोना और चांदी में निवेश का स्मार्ट तरीका |
म्यूचुअल फंड की दुनिया में नई इनोवेशन: Gold-Silver Combo FoFs – एक ही फंड से सोना और चांदी में निवेश का स्मार्ट तरीका
💰 म्यूचुअल फंड की दुनिया में नई चमक – Gold-Silver Combo FoFs
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री लगातार निवेशकों के लिए नए और इनोवेटिव ऑप्शन ला रही है। अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) लेकर आई हैं — Gold-Silver Combo Fund of Funds (FoFs), यानी ऐसे फंड जो एक साथ सोना (Gold) और चांदी (Silver) दोनों में निवेश का मौका देते हैं।
इस इनोवेशन का मकसद है — निवेशकों को मेटल्स के डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का फायदा देना, वह भी बिना मार्केट टाइमिंग की चिंता के।
⚙️ FoF (Fund of Funds) क्या होता है?
Fund of Funds यानी ऐसा फंड जो दूसरे फंड्स में निवेश करता है, न कि सीधे शेयर या बॉन्ड्स में।
Gold-Silver Combo FoFs का पैसा सीधे Gold ETFs और Silver ETFs में जाता है। यानी आप इनडायरेक्टली दोनों मेटल्स के मार्केट में निवेश कर रहे होते हैं।
इन फंड्स को ओपन-एंडेड पैसिव स्कीम कहा जाता है, क्योंकि इनमें कोई एक्टिव फंड मैनेजमेंट नहीं होता — निवेश का अनुपात एक क्वांटिटेटिव मॉडल तय करता है, जो समय-समय पर रीबैलेंस होता रहता है।
📊 कौन-कौन से फंड हाउस ऑफर कर रहे हैं?
वर्तमान में भारत के चार बड़े फंड हाउस इस तरह के कॉम्बो FoFs पेश कर रहे हैं:
- Motilal Oswal
- Mirae Asset
- Edelweiss
- Kotak Mutual Fund
इन सभी स्कीमों में एक क्वांटिटेटिव मॉडल अपनाया गया है जो गोल्ड और सिल्वर की कीमतों के ट्रेंड के हिसाब से पोर्टफोलियो रीबैलेंस करता है।
🪙 निवेशकों के लिए क्यों हैं फायदेमंद?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गोल्ड और सिल्वर दोनों बियर मार्केट में पोर्टफोलियो को स्थिरता देते हैं।
- Gold: आर्थिक अनिश्चितता में सेफ हेवन की तरह काम करता है।
- Silver: रिकवरी फेज में तेजी से बढ़ता है और बेहतर रिटर्न देता है।
इसलिए जब दोनों को एक साथ रखा जाता है, तो यह रिस्क को कम और रिटर्न को संतुलित कर देता है।
👉 एक लाइन में कहें तो — यह फंड “सुरक्षा और ग्रोथ” दोनों का कॉम्बो है।
📈 गोल्ड और सिल्वर के रिटर्न्स का हाल
पिछले एक साल में मेटल मार्केट्स ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है:
- गोल्ड: लगभग 65% रिटर्न
- सिल्वर: करीब 95% रिटर्न
तीन साल के पीरियड में:
- गोल्ड ने दिया 36% रिटर्न
- सिल्वर ने दिया 47% रिटर्न
2025 में गोल्ड ने 39 बार नया ऑल-टाइम हाई बनाया।
वहीं, सिल्वर में तेजी का कारण रहा ग्लोबल सप्लाई की कमी और बढ़ती इन्वेस्टर डिमांड।
हालांकि हाल के दिनों में दोनों में कुछ प्रॉफिट बुकिंग और वोलैटिलिटी देखी गई है, जो लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए एंट्री का अच्छा मौका भी हो सकता है।
💡 ETF से कैसे अलग हैं FoFs?
कई निवेशक यह सोचते हैं कि जब Gold या Silver ETF हैं, तो FoF की क्या जरूरत?
दरअसल फर्क यह है:
- ETF में निवेश के लिए Demat अकाउंट जरूरी होता है।
- जबकि FoF में आप सीधे म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म से SIP या Lump Sum निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा, FoF ऑटोमेटिक रीबैलेंसिंग करता है — जिससे मार्केट टाइमिंग का रिस्क कम हो जाता है।
🧮 मार्केट डेटा: निवेशकों का बढ़ता रुझान
2025 में भारत में गोल्ड और सिल्वर ETF में जोरदार इनफ्लो देखने को मिला:
- गोल्ड ETF: ₹19,800 करोड़
- सिल्वर ETF: ₹14,000 करोड़
(जनवरी–सितंबर 2025 के बीच)
यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी अधिक है — जो बताता है कि निवेशक अब पारंपरिक एसेट्स में भी डाइवर्सिफिकेशन चाहते हैं।
⚠️ टैक्सेशन के नियम
गोल्ड-सिल्वर FoF की टैक्सिंग वही है जो ETFs पर लागू होती है:
| अवधि | टैक्स प्रकार | टैक्स दर |
|---|---|---|
| 24 महीने से कम | शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन | आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार |
| 24 महीने से ज्यादा | लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन | 12.5% (बिना इंडेक्सेशन) |
✅ NRI निवेशक भी इन फंड्स में निवेश कर सकते हैं,
लेकिन रिडेम्प्शन पर TDS लागू होगा।
🧭 किसे करना चाहिए निवेश?
FoF फंड्स उन निवेशकों के लिए हैं जो:
- अपने पोर्टफोलियो में मेटल्स का एक्सपोजर बढ़ाना चाहते हैं
- लेकिन यह तय नहीं कर पा रहे कि गोल्ड में ज्यादा लगाएं या सिल्वर में
- डाइवर्सिफाइड और सेफ लॉन्ग-टर्म रिटर्न चाहते हैं
- और Demat अकाउंट के झंझट से बचना चाहते हैं
यह फंड विशेष रूप से नए निवेशकों और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा है जो SIP के ज़रिए मेटल्स में धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं।
🧠 एक्सपर्ट्स की राय
फाइनेंशियल एडवाइजरों का कहना है —
“Gold-Silver FoF मार्केट टाइमिंग की टेंशन कम करता है और दोनों मेटल्स की ग्रोथ का फायदा एक साथ देता है। यह हर निवेशक के पोर्टफोलियो में 5–10% एक्सपोजर के रूप में होना चाहिए।”
⚖️ निष्कर्ष (Conclusion)
Gold-Silver Combo FoFs निवेश की दुनिया में एक नया और समझदारी भरा कदम है।
यह उन निवेशकों के लिए “संतुलित और सुरक्षित ग्रोथ” का ऑप्शन है जो सोना और चांदी दोनों की चमक अपने पोर्टफोलियो में चाहते हैं।
👉 अगर आप भी “Safe & Smart Return” की तलाश में हैं, तो यह FoF आपके लिए एक बेहतरीन शुरुआत साबित हो सकता है।
❓ FAQs Section (Google Snippet Ready)
Q1. Gold-Silver FoF क्या है?
यह ऐसा फंड है जो गोल्ड और सिल्वर ETFs में एक साथ निवेश करता है।
Q2. क्या इसमें Demat अकाउंट की जरूरत है?
नहीं, इसे सीधे किसी भी म्यूचुअल फंड ऐप या वेबसाइट से खरीदा जा सकता है।
Q3. टैक्सेशन कैसे लागू होता है?
24 महीने बाद बेचने पर 12.5% लॉन्ग टर्म टैक्स लगता है। उससे पहले बेचने पर टैक्स आपकी इनकम स्लैब के अनुसार होगा।
Q4. क्या यह फंड पूरी तरह रिस्क-फ्री है?
नहीं, मेटल की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहता है, लेकिन दोनों मेटल्स को मिलाकर FoF रिस्क को कम करता है।
Q5. क्या NRI निवेश कर सकते हैं?
हाँ, NRI निवेशक इसमें निवेश कर सकते हैं, लेकिन रिडेम्प्शन पर TDS लागू होगा।
📢 डिस्क्लेमर:
म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
