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चीन और पाकिस्तान बना रहे हैं दुनिया की तबाही वाला 'घातक वायरस'? सीक्रेट लैब में कर रहे रिसर्च!

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चीन और पाकिस्तान बना रहे हैं दुनिया की तबाही वाला 'घातक वायरस'? सीक्रेट लैब में कर रहे रिसर्च!

चीन और पाकिस्तान बना रहे हैं दुनिया की तबाही वाला 'घातक वायरस'? सीक्रेट लैब में कर रहे रिसर्च :-

कोरोना वायरस का पहला केस चीन की आन बान शान वुहान शहर में मिला था। जिसका यह अनुमान लगाया गया था कि कोरोना वायरस को चीन द्वारा फैलाया गया था। वर्तमान समय में चीन तथा पाकिस्तान मिलकर दुनिया में तबाही फैलाने वाला घातक वायरस बना रहे हैं। चीन तथा पाकिस्तान गुपचुप तरीके से सीक्रेट लैब में घातक वायरस बनाने के लिए रिसर्च कर रहे हैं।

कई इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन तथा पाकिस्तान कोरोना से खतरनाक वायरस बनाने पर काम कर रहे हैं। ये वायरस कोरोना की तुलना में कई गुना घातक तथा संक्रमित होगा। यह ब्लॉग स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका।

खुफिया और वैज्ञानिक समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी है कि चीन और पाकिस्तान कोरोना की तुलना में 100 गुना अधिक खतरनाक और संक्रामक वायरस बना रहा है।

चीन तथा पाकिस्तान कोरोना से खतरनाक वायरस कहां बना रहे हैं :-

पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) रावलपिंडी (Rawalpindi ) के पास स्थित एक सीक्रेट लैब में गुपचुप तरीके से जैव हथियारों (Bioweapons ) पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक खुलासा हुआ है कि पाक-चीन रावलपिंडी के पास सीक्रेट जगह पर पिछले कुछ समय से बायोवेपन पर काम कर रहे हैं। चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाकिस्तान सेना द्वारा संचालित रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन (DSTO) ने रावलपिंडी में घातक बीमारियों वाले वायरस पर रिसर्च के लिए एक हाई साइंटिफिक लैब बनाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी स्थित इस जगह को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी :-

जैव हथियार (Bioweapon) विशेषज्ञों के मुताबिक, पाक सेना द्वारा संचालित पाकिस्तान की प्रयोगशाला और पीएलए (PLA, China Army) संचालित लैब और संस्थानों की एक सीरीज जॉइंट वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए नहीं, बल्कि खतरनाक वायरस बनाने के लिए था। जो कोरोना वायरस की तुलना में 100 गुना अधिक घातक तथा संक्रमण युक्त होगा।

खुफिया एजेंसियों एवं वैज्ञानिक समूह के लोगों ने इस घटनाक्रम को देखते हुए चेतावनी दी है किकि पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन ने लैब के एक अत्यधिक संक्रामक नेटवर्क (Highly Contagious Network) को आउटसोर्स किया था। यहां पर कोरोना वायरस की तुलना में 100 गुना अधिक घातक और संक्रमण वायरस बनाया जा रहा है।

चीन के वुहान शहर में मिला था कोरोना का पहला केस :-

चीन के मध्य में स्थित चीन की आन बान शान वुहान शहर में 2019 में कोरोना का पहला केस पाया गया था। यही वुहान शहर से 2019 के अंत में कोरोना के मामले में तेजी बनी थी। 30 दिसंबर 2019 को भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित पहला मरीज मिला था। 30 जनवरी 2020 को चीन के बुहान यूनिवर्सिटी से सेमेस्टर की परीक्षा देने के बाद भारत लौटी एक छात्रा कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी‌। तब से भारत देश में कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग जारी हुई थी।

कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग के दो साल पूरे होने पर भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कोरोना वायरस से निपटने की यह जंग कब खत्म होगी?

पिछले दो सालों में भारत देश ने कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स (Corona Virus Variants) का भी सामना किया है। महामारी की दूसरी भयावह लहर के दौरान जहां एक और वायरस के डेल्टा वेरिएंट ने कहर बरपाया था। वहीं दूसरी ओर ओमीकोन वेरिएंट के कारण संक्रमण काफी तेजी से फैला।

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