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Meta ने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, रेवेन्यू में गिरावट को बताया कारण

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Meta ने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, रेवेन्यू में गिरावट को बताया कारण

Meta ने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, रेवेन्यू में गिरावट को बताया कारण :-

मेटा कंपनी ने छंटनी प्लान के अनुसार अपने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कर्मचारियों को कंपनी से निकालने का ऐलान मेटा कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर मार्क जुकरबर्ग ने किया है। कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हुई है। निकाले जाने वाले 11 हजार कर्मचारियों में Facebook के अलावा WhatsApp और Instragram के भी कर्मचारी शामिल है।

मार्क जुकरबर्ग ने एक ब्लॉक के जरिए बताया है कि 'आज मैं मेटा के इतिहास में किए गए कुछ सबसे कठिन फैसलों के बारे में बताने जा रहा हूं। हमने अपनी टीम की साइज में करीब 13% की कटौती करने का फैसला किया है। इससे 11 हजार से अधिक प्रतिभाशाली कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है।'

मार्क जुकरबर्ग ने खुद को माना जिम्मेदार :-

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्क जुकरबर्ग मंगलवार की मीटिंग में निराश दिखाई दिए थे। मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह स्वयं को कंपनी के गलत कदमों के लिए जवाबदेह मानते है। तथा कंपनी की ग्रोथ को लेकर उनके बहुत ज्यादा आशावादी होने के कारण ओवरस्टाफिंग हुई है। तथा साथ में यह भी बताया कि सबसे ज्यादा कर्मचारी रिक्रूटिंग और बिजनेस टीम से निकाले जा रहे हैं।

मेटा की ह्यूमन रिसोर्स हेड लोरी गोलर ने ग्रुप को बताया कि मेटा कंपनी से निकालें जाने वाले कर्मचारियों को चार महीने की सैलरी दी जाएगी।

मेटा कंपनी में 87,314 कर्मचारी है :-

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 के अंत में मेटा में 87,314 कर्मचारी थे।

वर्तमान समय में मेटा में वॉटेसऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक शामिल है। जिसके कारण वर्तमान समय में मेटा दुनिया का सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक है।

वर्तमान समय में कंपनी मेटावर्स पर अपना खर्च बढ़ा रही है। मेटावर्स एक आभासी दुनिया है जहां यूजर अपने स्वयं के अवतार बना सकते हैं। लॉ एडॉप्टेशन रेट और महंगे R&D के कारण कंपनी को लगातार घाटा हो रहा है। छंटनी से वित्तीय संकट कुछ कम होने की उम्मीद है।

कंपनी ने कहा कि मेटावर्स में इन्वेस्टमेंट से नुकसान :-

पिछले महीने के अंत में, मेटा ने दिसंबर क्वार्टर के रेवेन्यू आउट लुक की घोषणा की थी। तथा साथ में कंपनी ने यह भी कहा था कि अगले साल मेटावर्स में इन्वेस्टमेंट के कारण कंपनी को काफी नुकसान होगा। इस जानकारी के बाद कंपनी के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। मेटा का शेयर इस साल 70% से ज्यादा टूट चुका है। तथा आगे भी और टूटने की गुंजाइश है।

हालांकि मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने निवेशकों से कहा है कि ब्रांड में विश्वास बनाए रखिएगा। तथा मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि जो कंपनी के साथ बना रहेगा भविष्य में उसको फायदा जरूर मिलेगा।

मेटावर्स क्या है, फेसबुक ने यह नाम क्यों चुना ?

वर्चुअल रियलिटी के नेक्स्ट लेवल को मेटावर्स कहा जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो मेटावर्स एक तरह की आभासी दुनिया है। इस तकनीक से आप वर्चुअल आइडेंटिटी के जरिए डिजिटल वर्ल्ड में एंटर कर सकेंगे। यानी एक पैरेलल वर्ल्ड जहां आपकी अलग पहचान होगी।

उस पैरेलल वर्ल्ड में आप घूमने, सामान खरीदने से लेकर, इस दुनिया में ही अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल सकेंगे। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी के एडवांस वर्जन से चीजों को छूने और स्मेल करने का अहसास कर पाएंगे। मेटावर्स शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन ने 1992 में अपने नोबेल 'स्नो क्रैश' में किया था।

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