-->

Search Bar

Meta में सबसे बड़ी छंटनी, Mark Zuckerberg ने इस गलती के लिए खुद को जिम्मेदार माना

Meta में सबसे बड़ी छंटनी, Mark Zuckerberg ने इस गलती के लिए खुद को जिम्मेदार माना, The biggest layoff in meta, Mark Zuckerberg blames himself for this mistake, Meta Layoffs, Zuckerberg Says He Is Accountable As Company, मेटा में सबसे बड़ी छंटनी, जुकरबर्ग ने कहा- कंपनी के गलत कदमों के लिए वो जिम्मेदार, ग्रोथ की उम्मीद में ज्यादा भर्ती की, अभय कुमार जैन, Abhay kumar jain, Mark Zuckerberg, मार्क जुकरबर्ग
Meta में सबसे बड़ी छंटनी, Mark Zuckerberg ने इस गलती के लिए खुद को जिम्मेदार माना

Meta में सबसे बड़ी छंटनी, Mark Zuckerberg ने इस गलती के लिए खुद को जिम्मेदार माना :-

मेटा प्लेटफार्म (फेसबुक) आज से छंटनी शुरू कर रहा है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को एक मीटिंग में छंटनी को लेकर जानकारी दी थी। मेटा कंपनी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 10% हो सकती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेटा कंपनी की यह सबसे बड़ी छंटनी होगी।

मार्क जुकरबर्ग ने खुद को माना जिम्मेदार :-

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्क जुकरबर्ग मंगलवार की मीटिंग में निराश दिखाई दिए थे। मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह स्वयं को कंपनी के गलत कदमों के लिए जवाबदेह मानते है। तथा कंपनी की ग्रोथ को लेकर उनके बहुत ज्यादा आशावादी होने के कारण ओवरस्टाफिंग हुई है। तथा साथ में यह भी बताया कि सबसे ज्यादा कर्मचारी रिक्रूटिंग और बिजनेस टीम से निकाले जा रहे हैं।

मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को कंपनी के छंटनी के प्लान पर मीटिंग की तथा मीटिंग के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने अपनी योजन की विस्तार से जानकारी दी।

छंटनी एम्प्लॉइज को मिलेगी चार महीने सैलरी :-

मेटा कंपनी में छंटनी के प्लान की आंतरिक घोषणा भारतीय समय के अनुसार बुधवार को शाम 4:30 बजे के आसपास होने की उम्मीद जताई जा रही है।

मेटा की ह्यूमन रिसोर्स हेड लोरी गोलर ने ग्रुप को बताया कि मेटा कंपनी से निकालें जाने वाले कर्मचारियों को चार महीने की सैलरी दी जाएगी।

इस मीटिंग के कुछ दिन पहले ही कंपनी के अधिकारियों ने कर्मचारियों को गैर जरूरी यात्रा रद्द करने के लिए कहा था।

मेटा कंपनी में 87,314 कर्मचारी है :-

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 के अंत में मेटा में 87,314 कर्मचारी थे।

वर्तमान समय में मेटा में वॉटेसऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक शामिल है। जिसके कारण वर्तमान समय में मेटा दुनिया का सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक है।

वर्तमान समय में कंपनी मेटावर्स पर अपना खर्च बढ़ा रही है। मेटावर्स एक आभासी दुनिया है जहां यूजर अपने स्वयं के अवतार बना सकते हैं। लॉ एडॉप्टेशन रेट और महंगे R&D के कारण कंपनी को लगातार घाटा हो रहा है। छंटनी से वित्तीय संकट कुछ कम होने की उम्मीद है।

कंपनी ने कहा कि मेटावर्स में इन्वेस्टमेंट से नुकसान :-

पिछले महीने के अंत में, मेटा ने दिसंबर क्वार्टर के रेवेन्यू आउट लुक की घोषणा की थी। तथा साथ में कंपनी ने यह भी कहा था कि अगले साल मेटावर्स में इन्वेस्टमेंट के कारण कंपनी को काफी नुकसान होगा। इस जानकारी के बाद कंपनी के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। मेटा का शेयर इस साल 70% से ज्यादा टूट चुका है। तथा आगे भी और टूटने की गुंजाइश है।

हालांकि मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने निवेशकों से कहा है कि ब्रांड में विश्वास बनाए रखिएगा। तथा मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि जो कंपनी के साथ बना रहेगा भविष्य में उसको फायदा जरूर मिलेगा।

मेटावर्स क्या है, फेसबुक ने यह नाम क्यों चुना ?

वर्चुअल रियलिटी के नेक्स्ट लेवल को मेटावर्स कहा जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो मेटावर्स एक तरह की आभासी दुनिया है। इस तकनीक से आप वर्चुअल आइडेंटिटी के जरिए डिजिटल वर्ल्ड में एंटर कर सकेंगे। यानी एक पैरेलल वर्ल्ड जहां आपकी अलग पहचान होगी।

उस पैरेलल वर्ल्ड में आप घूमने, सामान खरीदने से लेकर, इस दुनिया में ही अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल सकेंगे। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी के एडवांस वर्जन से चीजों को छूने और स्मेल करने का अहसास कर पाएंगे। मेटावर्स शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन ने 1992 में अपने नोबेल 'स्नो क्रैश' में किया था।

Advertisement
BERIKAN KOMENTAR ()