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Credit Suisse के बॉन्ड के निवेशकों के 17 अरब डॉलर डूबे, जानिए क्या होगा इसका असर |
Credit Suisse के बॉन्ड के निवेशकों के 17 अरब डॉलर डूबे, जानिए क्या होगा इसका असर :-
Credit Suisse (क्रेडिट सुइस) ने एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्ड से बहुत अच्छी रकम जुटाई थी। वर्तमान समय में इनकी वैल्यू 17 अरब डॉलर से ज्यादा बताई जा रही है। स्विस रेगुलेटर FINMA ने इन बॉन्ड को राइट-डाउन करने का आदेश दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्ड्स की वैल्यू जीरो हो जाएगी।
FINMA के चेयरमैन Marlene Amstad ने बताया है कि उसने Credit Suisse (क्रेडिट सुइस) को डूबने से बचाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। लेकिन ऐसा होने पर एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्डहोल्डर्स के हाथ कुछ भी नहीं आएगा।
Credit Suisse (क्रेडिट सुइस) ने ऐलान किया है कि वह एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्ड्स (AT1 Bonds) को राइट-डाउन करेगा। ऐसा करने पर बॉन्ड निवेशकों को बड़ा झटका लगेगा। Credit Suisse (क्रेडिट सुइस) बैंक, स्विस रेगुलेटर के आदेश पर ऐसा कर रहा है।
हालांकि यह क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) के UBS (यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड) के रेस्क्यू प्लान (डूबने से बचाने) का हिस्सा है। क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक के इस ऐलान से बॉन्डहोल्डर्स में गुस्सा है। वर्तमान समय में इस एडिशनल टियर-1 बॉन्ड की वैल्यू 17.24 अरब डॉलर बताई जा रही है। स्विस रेगुलेटर (FINMA) ने बताया है कि इस फैसले से कैपिटल के मामले में क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक को मजबूती मिलेगी। दरअसल, स्विस रेगुलेटर (FINMA) का मानना है कि क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक को डूबने से बाचाने के लिए प्राइवेट इनवेस्टर्स को भी कुछ दिक्कत बर्दाश्त करने होंगे।
स्विस रेगुलेटर का आदेश :
स्विस रेगुलेटर (FINMA) के चेयरमैन Marlene Amstad ने बताया है कि उसने क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक को डूबने से बचाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। लेकिन इस फैसले के चलते AT1 बॉन्डहोल्डर्स के हाथ कुछ भी नहीं आएगा। इधर, शेयरहोल्डर्स जिन्हें बैंकरप्सी प्रोसेस के तहत प्रायरिटी बेसिस पर अपने पैसे मिलने हैं, उन्हें UBS (यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड) की डील के तहत 3.23 अरब डॉलर मिलेंगे।
AT1 बॉन्ड्स को एक तरह का जूनियर डेट माना जाता है। यह बैंक के रेगुलेटरी कैपिटल के तहत आता है। इसकी डिजाइनिंग इसलिए की गई थी ताकि बैंक के डूबने की स्थिति में रिस्क को टैक्सपेयर्स की बजाय इनवेस्टर्स पर डाला जा सके।
क्या है AT1 बॉन्ड?
जब किसी बैंक की कुल पूंजी की वैल्यू (Value) एक सीमा से नीचे चली जाती है तो इन बॉन्ड को शेयरों में कनवर्ट किया जा सकता है या इन्हें राइट-डाउन किया जा सकता है। क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक के AT1 बॉन्ड्स में निवेश करने वाली फर्म Axiom Alternative Investments के रिसर्च हेड Jerome Legras ने कहा है कि "वे कैसे AT1 होल्डर्स और शेयरहोल्डर्स की hierarchy (पदानुक्रम) को पलट सकते हैं? यह हैरान करने वाला है।" रायटर्स ने रविवार को खबर दी थी कि स्विस अथॉरिटीज रेस्क्यू डील के तहत लॉस का बोझ बॉन्डहोल्डर्स पर डालने पर विचार कर रही हैं।
बॉन्ड निवेशकों को बड़ा झटका :
UBS (यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड) के सीईओ (CEO) Ralph Hamers ने एनालिस्ट्स से बताया है कि AT1 बॉन्ड्स को राइट-डाउन का फैसला FINMA ने लिया है। इसलिए इसकी लायबिलिटी बैंक पर नहीं होगी। इससे पहले यह खबर आई थी कि UBS (यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड) के साथ डील होने पर शेयरहोल्डर्स को कुछ न कुछ मिलेगा। इससे AT1 बॉन्ड्स में रविवार मजबूती आई थी। इससे यह भी उम्मीद जगी थी कि बॉन्डहोल्डर्स के हितों का ख्याल रखा जाएगा। पिछले हफ्ते की शुरुआत में AT1 बॉन्ड की कीमतें बहुत गिर गई थीं। क्रेडिट सुइस बैंक की लगातार बिगड़ती स्थिति का असर AT1 बॉन्ड पर भी पड़ा था।
क्या होगा असर?
इनवेस्टर्स (Investors) का कहना है कि स्विस रेगुलेटर FINMA के इस कदम से दूसरे बैंकों के लिए भी AT1 बॉन्ड्स के जरिए पूंजी जुटाना मुश्किल हो जाएगा। Running Point Capital Advisors के पार्टनर एवं चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर Ashley Schulman ने कहा कि दूसरे बैंकों के लिए भी AT1 बॉन्ड्स से पैसे जुटाना बहुत महंगा हो जाएगा। इसकी वजह यह है कि इनवेस्टर्स को इसमें निवेश करना ज्यादा रिस्की लगेगा। हालांकि, AT1 का इंटरेस्ट रेट (interest rate) ज्यादा होता है, क्योंकि इसमें जोखिम भी ज्यादा होता है।