Girls Education Important |
क्यों जरुरी है गर्ल्स एजुकेशन? - Girls Education :-
भारतीय संस्कृति में महिलाओं को "माता" जैसे विशेष शब्दों से संबोधित किया गया है या फिर कहा जा सकता है, कि महिलाओं को देवियों का रूप माना गया है। तत्पश्चात् अर्थात कुछ दशक पहले महिलाओं को मात्र घर का काम काज करने के लायक ही माना जा रहा था लेकिन अभी वर्तमान समय में आधुनिक विचारधारा को अपनाने के कारणवश महिलाओं को मात्र मनोरंजन का खिलौना मात्र समझा जा रहा है जैसा कि हम कुछ Songs के माध्यम से देख सकते हैं..
tu cheez badi hai mast mast....
choli ke peeche kya hai...... Etc.
खैर कोई बात नहीं समझ समझ का खेल है।
वर्तमान युग शिक्षा का युग है, हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है चाहे वह पुरुष या फिर महिला, हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है,
लेकिन किसी कारणवश पुरुषों को शिक्षा ग्रहण करने की जितनी आजादी और छूट होती है, उतनी आजादी और छूट महिलाओं को नहीं होती है या फिर सरल शब्दों में कहा जा सकता है,
कि पुरुषवादी समाज में जितना महत्त्व पुरुषों को दिया जाता है, उतना महत्त्व महिलाओं को नहीं दिया जाता है, क्योंकि पुरुष समझता है कि जिस काम को वह जितनी अच्छी तरह से कर सकता है उस काम को महिलाएं उतनी अच्छी तरह से नहीं कर सकती है इसलिए महिलाओं को ज्यादा महत्त्व नहीं दिया जाता है।
आज के समय में हर व्यक्ति महिलाओं को कमजोर समझता है, क्या प्रकृति ने भी महिलाओं को कमजोर बनाया है?
हां, प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि के अनुसार कमजोर बनाया है, लेकिन उसका भी एक कारण है वह कारण यह है कि यदि प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि के अनुसार कमजोर नहीं बनाया होता, तो चंद्रगुप्त मौर्य, छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे वीर पुत्रों को जन्म कौन देता?
इसका कारण यह है, कि महिलाओं का गर्भाशय जितना अधिक लचीला होता है, पुत्र उतना ही अधिक शारीरिक और मानसिक रूप से कुशल होता है, इसलिए प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि के अनुसार कमजोर बनाया है, जो कि उचित ही है।
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अब फिर प्रश्न उठता है, कि
क्या प्रकृति ने महिलाओं को मानसिक रूप से भी कमजोर बनाया है?
जी नहीं, बिल्कुल भी नहीं। प्रकृति ने महिलाओं को मानसिक रूप से इतना सशक्त बनाना है, कि वे पुरुषों की अपेक्षा हर काम को बहुत अच्छी तरह से कर सकती हैं।
प्रकृति को पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं पर अधिक विश्वास है, इसलिए प्रकृति ने बच्चा महिलाओं के पेट में दिया है, क्योंकि प्रकृति प्रगति करने में कोई भी तरह की बाधा नहीं चाहती थी।
मैं ऐसा मानता हूं कि यदि भारतीय महिलाओं ने स्वतंत्रता का स्वप्न अपने दिल और दिमाग में नहीं सजाया होता, तो शायद आज भी हमारा देश गुलाम ही रहा होता।
क्योंकि वे महिलाएं ही होती है जो अपने बच्चों के दिल और दिमाग में वह सब कुछ भर सकती है, जो पुरुष शायद जिंदगी भर में भी नहीं भर सकते है।
इसका कारण यह है, कि वे महिलाएं ही हुआ करती है, जो अपने बच्चों को समझ आने के पहले यह समझा देती है, कि आपको क्या समझना है ?
वे महिलाएं ही हुआ करती है, जो अपने बच्चों को दुनिया दिखाने के पहले यह समझा देती है, कि आपको क्या देखना है?
वे महिलाएं ही हुआ करती है, जो अपने बच्चों को सोचने की क्षमता आने के पहले ही यह समझा देती है, कि आपको क्या सोचना है?
इत्यादि अनेक कारण है जिनके कारण यह सिद्ध होता है, कि महिलाएं मानसिक रूप से सबसे अधिक सशक्त मानी जा सकती है।
मैं ऐसा मानता हूं, कि जितने भी महापुरुष हुए हैं, यदि उनकी माताओं ने अपने दिल और दिमाग में स्वतंत्रता का स्वप्न नहीं सजाया होता, तो शायद उनके पुत्र महापुरुष नहीं बन सकते थे।
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अब हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से देखते हैं, कि गर्ल्स एजुकेशन से क्या क्या लाभ - Benefits of Girls Education :-
महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान होता है।
महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती है।
शिक्षित महिलाएं दूसरों की शिक्षा को बढ़ावा देती है।
समाज का भविष्य बेहतर होता है।
देश के आर्थिक विकास में सहायक होती है।
घरेलू हिंसा की आशंका कम होती है।
बाल विवाह की आशंका कम होती है।
लिंग भेद को कम करने में सहायक होती है।
महिलाएं शिक्षित होने के कारण घर की आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाया करता है।
समाज जागरूक होता है।
जाति-पाति का मतभेद कम होता है।
एक शिक्षित महिला होने पर संपूर्ण पीढ़ी शिक्षित हो सकती है।
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समाज को शिक्षा का महत्व समझ में आता है।
अंधविश्वास में कमी आती है।
माताएं शिक्षित होने के कारण बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के दरवाजे खुल जाते हैं।
शिक्षित महिलाएं समृद्ध समाज की निशानी हुआ करती है।
शिक्षित महिला अपने भविष्य को सही आकार देने और अपने हक के लिए लड़ने में सक्षम हैं।
शिक्षित महिलाएं आर्थिक रूप से अपने परिवार की मदद करने में सक्षम होती हैं।
महिलाओं का शिक्षित होना बाल मृत्यु दर के जोखिम को कम करता है।
शिक्षित महिलाओं को एचआईवी/एड्स के संपर्क में आने का खतरा कम होता है।
शिक्षित महिलाएं घरेलू या यौन हिंसा का कम शिकार होती है।
शिक्षित महिलाएं परिवार की आय में योगदान देती हैं।
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