लव यू पापा By Awadhesh Verma - Love You Papa Book Review & Summary in hindi |
लव यू पापा उपन्यास की समीक्षा - Love You Papa Book Review :-
लव यू पापा नामक उपन्यास अवधेश वर्मा का प्रथम उपन्यास है लेखक अवधेश वर्मा ने लव यू पापा नामक उपन्यास में अपने व्यक्तिगत अनुभवों और काल्पनिक घटनाओं के माध्यम से पिता के व्यक्तित्व, संघर्ष और मेहनत को बखूबी तरीके से पन्नों पर व्यक्त करने की कोशिश की है, जो कि सराहनीय है।
Read also :-
• "प्रवासी मजदूरों का मसीहा" सोनू सूद
कहा जाता है कि लेखक के प्रथम कृति उसकी सोच व व्यक्तित्व का दर्पण होती है तदर्थ उक्त कृति के माध्यम से लेखक के सोचने व विचारने के दृष्टिकोण को भी मापा जा सकता है।
प्रस्तुत उपन्यास में ग्रामीण परिवेश में जीवन यापन करते हुए एक पिता की कथा है, जो कि विपरीत से विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद भी अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुनहरे सपने देखता है वह पिता अपने बच्चों के लिए सुनहरे सपने ही नहीं देखता है बल्कि अपना सारा जीवन उन सपनों को पूरा करने के लिए झोंक देता है।
सचमुच वह पिता ही होता है जो अपने अंश को अपने से ज्यादा काबिल देखने के लिए अपने जीवन का जर्रा जर्रा झोंक देता है।
लव यू पापा नामक उपन्यास की कहानी की शुरुआत ग्रामीण परिवेश से होती है हालांकि उपन्यास का मुख्य पात्र नंदन का जन्म रईस घराने में होता है लेकिन उसका लालन पालन दुख के दिनों में संघर्ष करते हुए व्यतीत होता हैं।
अल्पायु में विवाह होने के कारण घर की जिम्मेदारियां भी समस्याओं का रूप लेकर नंदन की ओर बढ़ती ही जाती है लेकिन नंदन कभी भी नेगेटिव नहीं होता है, बल्कि अपने प्रयासों को दोगुनी तेजी से बढ़ाता जाता है। वास्तव में पिता दुनिया का सबसे पॉजिटिव व्यक्ति होता है।
लेखक अवधेश वर्मा ने ग्रामीण जीवन व परिवेश को बताते हुए ग्रामीण जीवन की समस्याओं को भी बारीकी से बताने की कोशिश की है साथ ही ग्रामीण जन उन समस्याओं पर अपनी सूझबूझ से कैसे सामना करते हैं इस बात को भी बखूबी तरीके से बताने की कोशिश की है जिससे वर्तमान समय में पुस्तक की उपादेयता ज्ञात होती है।
लेखक अवधेश वर्मा ने नंदन के पुत्रों को आदर्श पुत्र व आधुनिक पुत्र के रूप में स्थापित करते हुए उपन्यास को वर्तमान समाज की समस्याओं से जोड़ने की कोशिश की है, जो कि वर्तमान समय में उपन्यास के महत्व को दर्शाता है।
लेखक अवधेश वर्मा ने उक्त उपन्यास में पिता पुत्र के भावनात्मक पक्ष को व्यक्त करने के साथ-साथ अन्य पारिवारिक पक्षों को भी व्यक्त किया है जिसने उपन्यास को जीवंत बना दिया है।
लेखक अवधेश वर्मा ने लव यू पापा नामक उपन्यास में पिता-पुत्र के बीच की उस कड़ी को प्रस्तुत करने की कोशिश की है, जो वर्तमान समय में लुप्त सी हो गई है जिसमें एक पिता अपने बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा और अच्छे संस्कार देने के लिए अपने जीवन का सर्वस्व न्यौछावर कर देता है, लेकिन एक पुत्र का अपने पिता से यह पूछना कि "खुद तो कुछ कर नहीं पाए और अपने सपने मेरे कंधे पर बोझ बनाकर लाद दिए।" यह वेदना एक पिता ही महसूस कर सकता है।
Read also :-
• संस्कारहीन माता-पिता या बच्चें ?
लव यू पापा नामक उपन्यास में कहानी पाठक को अंत तक बांध कर रखती है लेकिन उपन्यास के कुछ किरदार जैसे सेठ शम्भूनाथ के भाई विशम्भरनाथ व उनके दूसरे बड़े भाई जमुना प्रसाद का किरदार अचानक से बिना किसी रूप रेखा के सामने आ जाते हैं। हालांकि इन किरदारों से कहानी के उद्देश्य का हनन नहीं हुआ है, यदि लेखक चाहते तो इन किरदारों को शुरुआत में मात्र स्पर्श करते हुए छोड़ सकते थे। खैर,
प्रस्तुत उपन्यास की कहानी का अंत भी अपने आप में और अधिक विस्तार से करने की गुंजाइश रखता था। अंत में जब राम "खाने की थाली फेंकते हुए नंदन का कॉलर पकड़ लेता है।" तब श्याम या उसकी मां नंदन का सपोर्ट करते हुए राम से दो-तीन सवाल जवाब कर लिया होता तो शायद लेखक अपनी बात को और अधिक सशक्तिकरण पूर्वक व्यक्त कर सकते थे। हालांकि लेखक अवधेश वर्मा ने उक्त परिस्थिति स्थापित करते हुए वर्तमान समय की समस्याओं को स्पर्श करने की कोशिश की है यदि उक्त परिस्थिति को स्थापित करने के बाद लेखक अवधेश वर्मा युक्ति संगत तर्क को प्रस्तुत करते तो और अधिक प्रभावशाली होने के साथ-साथ सोने पर सुहागा होता। खैर,
लव यू पापा उपन्यास का सारांश - Summary of Love You Papa Book :-
लेखक अवधेश वर्मा ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और काल्पनिक घटनाओं का सहारा लेते हुए लव यू पापा नामक कृति प्रस्तुत की है उक्त कृति में लेखक अवधेश वर्मा ने पिता के संघर्ष, मेहनत और परिश्रम को सरल शब्दों में पन्नों पर व्यक्त किया है।
साथ में ग्रामीण परिवेश की समस्याओं को उठाते हुए पॉजिटिव निष्कर्ष प्रस्तुत किया है, जो कि उपन्यास के दृष्टिकोण को व्यापक व्यक्त करता है।
"संगत से रंगत बदल जाती है" उक्त उक्ति के सारांश में संपूर्ण उपन्यास का सारांश गर्भित हो गया है।
आखिर क्यों पढ़ें लव यू पापा :-
लेखक अवधेश वर्मा ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और काल्पनिक घटनाओं के माध्यम से पिता के संघर्ष को बताया है
लेखक अवधेश वर्मा ने प्रस्तुत उपन्यास की कहानी में ग्रामीण परिवेश लेकर ग्रामीण जन कदम कदम पर कैसे समस्याओं का सामना करते हुए पॉजिटिव रहते हैं इस बात पर विशेष बल दिया है
उक्त उपन्यास में लेखक अवधेश वर्मा ने पिता पुत्र के भावनात्मक अनछुए पहलुओं को उठाया है, जो आपको रोमांचित और भावुक करने के लिए पर्याप्त है।
Read also :-
• 'तेरा नाम इश्क' पुस्तक की समीक्षा
Buy Now Love You Papa :-
Click here 👇
लव यू पापा (Love You Papa) - Amazon link
लेखक :- अवधेश वर्मा, लखनऊ
प्रकाशन :- हिंद युग्म ब्लू, दिल्ली