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बीते साल 22 लाख करोड़ के Digital Loan बंटे, 2030 तक 5 गुना होने का अनुमान, जानिए Growth की तेजी!

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बीते साल 22 लाख करोड़ के Digital Loan बंटे, 2030 तक 5 गुना होने का अनुमान, जानिए Growth की तेजी!

बीते साल 22 लाख करोड़ के Digital Loan बंटे, 2030 तक 5 गुना होने का अनुमान, जानिए Growth की तेजी :-

देश में कंज्यूमर लोन कल्चर (consumer loan culture) बदल रहा है। कभी वॉशिंग मशीन (Washing machine), फ्रिज (fridge), एसी (AC) के अलावा गाड़ियां और घर के लिए शुरू हुआ कंज्यूमर लोन मार्केट (Consumer Loan Market) अब 'बाय नाउ पे लेटर' जैसे इनोवेशन तक पहुंच गया है। वर्तमान समय में बड़े पैमाने पर डिजिटल लोन लिए जा रहे हैं। 2022 में 22.17 लाख करोड़ के डिजिटल लोन (digital loan) बंटे गए। 2030 तक इसके 4.75 गुना बढ़कर 107 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

Digital Loan में क्यों आई तेजी?

दरअसल देश में बढ़ती युवा आबादी, टेक्नोलॉजी का तेज विकास, स्मार्टफोन की बढ़ती तादाद और सस्ते डेटा जैसी सहूलियतों से देश के डिजिटल लोन (Digital Loan) और कंज्यूमर फाइनेंस मार्केट (consumer finance market) में अभूतपूर्व तेजी देखी जा रही है।

स्टार्टअप प्लेटफॉर्म आईएनसी42 और ग्लोबल डेटा एनालिटिकल फर्म एक्सपेरियन की रिसर्च के मुताबिक, 4 से 5 साल में देश के फिनटेक मार्केट में डिजिटल चैनलों की हिस्सेदारी 40% हो जाएगी। 2030 तक ये आंकड़ा 60% तक पहुंचने के आसार हैं। जो कि देश के ग्रोथ के लिए अच्छा है।

ऑनलाइन लैंडिंग की लागत कम होने से बढ़ रहा ये ट्रेंड :

टेक्नोलॉजी (technology) के लगातार विकास के साथ ही ग्राहकों की बदलती जरूरतों के चलते भी कर्ज देने के कॉन्सेप्ट में भी बदलाव आ रहा है। इसके अलावा ऑनलाइन लेंडिंग की लागत भी कम होती है। जिससे इसमें तेजी देखने को मिल रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने ऑनलाइन लोन (Online Loan) को लेकर नए नियम जारी कर दिए हैं। इसके चलते अब पेमेंट एग्रीगेटर्स (payment aggregators) का इस्तेमाल लोन चुकाने के लिए भी किया जा सकता है। जो कि Digital Loan को तेजी से बढ़ाने के लिए किया गया है।

Technology ने बढ़ाया Digital Loan Market :

टेक्नोलॉजी (Technology) ने डिजिटल लोन मार्केट (Digital Loan Market) को आसानी से बढ़ाया हैं।

साल के अनुसार टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट (Technology Development)

• 2007 में नई जनरेशन के स्मार्टफोन

• 2008 में मोबाइल बैंकिंग

• 2009 में आधार (बायोमीट्रिक पहचान)

• 2012 में 4G नेटवर्क

• 2014 में ईकेवायसी, एमएसएमई फिनटेक

• 2015 में डिजिटल मॉर्गेज कंपनियों का उदय

• 2016 में नोटबंदी से डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी

• 2020 में कोविड के चलते संपर्क रहित क्रेडिट अप्रैजल

• 2023 में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लॉन्च

39.5% की तेजी से हुई Digital Loan में Growth :

देश में बीते एक दशक के दौरान डिजिटल लैंडिंग (Digital landing) सालाना औसतन 39.5% की रफ्तार से बढ़ी है। स्टेटिस्टा (Statista) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में देश का डिजिटल लैंडिंग (Digital landing) मार्केट मात्र 74 हजार करोड़ रुपए का था। जबकि 2021 में डिजिटल लैंडिंग (Digital landing) मार्केट 16.42 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। 

10 सालों में 100 गुना से ज्यादा बढ़ा Digital Loan :

साल के अनुसार डिजिटल लोन (Digital Loan)

• 2012 में 0.74 हजार करोड़ रुपए

• 2015 में 2.71 लाख करोड़ रुपए

• 2019 में 9.03 लाख करोड़ रुपए

• 2020 में 12.32 लाख करोड़ रुपए

• 2021 में 16.42 लाख करोड़ रुपए

• 2022 में 22.17 लाख करोड़ रुपए

• 2023 में 28.75 (लाख करोड़ रुपए अनुमानित)

• 2030 में 106.77 (लाख करोड़ रुपए अनुमानित)

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