-->

Search Bar

US का सिलिकॉन वैली बैंक बंद, लगातार घाटे और फंडिंग न मिलने से तेजी से गिरे शेयर, अमेरिकी इतिहास में बैंक डूबने का दूसरा बड़ा मामला!

US का सिलिकॉन वैली बैंक बंद, लगातार घाटे और फंडिंग न मिलने से तेजी से गिरे शेयर, अमेरिकी इतिहास में बैंक डूबने का दूसरा बड़ा मामला!, Abhay kumar jain, silicon valley bank, america banking crisis, svb, अभय कुमार जैन, सिलिकॉन वैली बैंक, एसवीबी, अमेरिका बैंकिग system
US का सिलिकॉन वैली बैंक बंद, लगातार घाटे और फंडिंग न मिलने से तेजी से गिरे शेयर, अमेरिकी इतिहास में बैंक डूबने का दूसरा बड़ा मामला!

US का सिलिकॉन वैली बैंक बंद, लगातार घाटे और फंडिंग न मिलने से तेजी से गिरे शेयर, अमेरिकी इतिहास में बैंक डूबने का दूसरा बड़ा मामला :-

अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक- सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को रेगुलेटर्स ने बंद करने का आदेश दिया है। कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन ने ये आदेश जारी किया है। बैंक की मूल कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में 9 मार्च को करीब 60% की गिरावट आई। इसके बाद इसे कारोबार के लिए रोक दिया गया। ये अमेरिका के इतिहास में 2008 के वित्तीय संकट के बाद अब तक का सबसे बड़ा फेल्योर (failure) हैं। जो कि अमेरिका के Banking System को दर्शाता हैं।

रॉयटर्स के मुताबिक, SVB के शेयर गिरने की वजह से मात्र दो दिनों में अमेरिकी बैंकों को स्टॉक मार्केट में 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं यूरोपियन बैंकों को 50 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने का अमेरिकी बैंकों और यूरोपियन बैंकों पर गहरा असर पड़ा है।

फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) टेकओवर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उसे ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है। जिससे ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहें।

2.5 करोड़ रुपए तक की जमा राशि ही होगी वापस :

सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के पास 2022 के आखिर तक 209 अरब डॉलर की संपत्ति और 175.4 अरब डॉलर की जमा राशि थी। इसमें से 89% राशि इंश्योर्ड नहीं थी। ग्राहकों की 250,000 डॉलर (2.5 करोड़ रुपए) तक की जमा राशि को F.D.I.C इंश्योरेंस में कवर किया गया है। यानी सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) बंद होने के बाद भी ये पैसा ग्राहक को वापस मिल जाएगा। वहीं अभी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जिन जमाकर्ताओं के खातों में इससे ज्यादा रकम जमा है उन्हें उनका सारा पैसा वापस मिलेगा या नहीं? हालांकि, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने ऐसे ग्राहकों को एक सर्टिफिकेट जारी किया है। जो उन ग्राहकों को दिया जाएगा। इसके तहत फंड रिकवर होने के बाद इन्हें सबसे पहले पैसे लौटाए जाएंगे।

भारतीय बाजार पर भी दिख सकता है असर :

अमेरिकी बाजारों (US markets) के साथ यूरोपीय बाजारों (european markets) में भी भारी गिरावट देखी गई। इसमें से सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग स्टॉक्स (banking stocks) में रही हैं। इस गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। जब अमेरिकी बाजारों (US markets) के साथ यूरोपीय बाजारों (european markets) में भी भारी गिरावट देखी गई। तब भारतीय बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और 50 शेयरों वाला निफ्टी (Nifty fifty) भी गिरावट के साथ बंद हुआ। एक्सपर्ट के मुताबिक, इस समस्या का भारतीय मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

2008 में अमेरिका में आई थी सबसे बड़ी मंदी :

29 सितंबर 2008 को जब अमेरिकी बाजार (US market) खुले, तो गिरावट के सारे रिकॉर्ड टूट गए। करीब 1.2 लाख करोड़ डॉलर सिर्फ एक दिन में साफ हो गया था। जो कि उस समय भारत की कुल GDP के बराबर की रकम थी। अमेरिकी बाजार (US market) में इससे पहले 1987 में इतनी बढ़ी गिरावट देखने को मिली थी। अमेरिकी बाजार (US market) खुले के साथ ही बाजार के दिग्गज जैसे- एप्पल 18%, सीटीग्रुप 12%, जेपी मॉर्गन 15% तक टूट गए थे। इस आर्थिक मंदी के पीछे लीमैन ब्रदर्स (Lehman Brothers) सबसे बड़ी वजह रहे।

दरअसल, अमेरिका में 2002-04 में होम लोन (Home Loan) सस्ता और आसान होने से प्रॉपर्टी (Property) की डिमांड बढ़ रही थी। इस तेजी में लीमैन (Lehman) ने लोन (Loan) देने वाली 5 कंपनियां खरीद लीं। लेकिन ऊंची कीमतों के चलते डिमांड घटने लगी और लोन डिफॉल्ट (loan default) होने लगे। इसका नतीजा ये हुआ कि मार्च 2008 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी होम लोन कंपनी बियर स्टर्न्स डूब गई। 17 मार्च को लीमैन के शेयर 48 फीसदी तक गिरे। इसके बाद 15 सिंतबर को लीमैन ने दीवालिया होने का आवेदन किया और 29 सितंबर को अमेरिकी बाजार (US Market) में कोहराम मच गया।

Advertisement
BERIKAN KOMENTAR ()