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प्रोजेक्ट चीता पर जैन समाज का विरोध | PM मोदी को लिखा पत्र | Kuno National Park News |
प्रोजेक्ट चीता के विरोध में उतरा जैन समाज, पीएम मोदी को लिखा पत्र
📌 परिचय
भारत में चीता (Cheetah) 1952 में विलुप्त हो गया था। प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर 2022) को अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए 8 विदेशी चीते मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में छोड़े गए।
लेकिन अब इस Project Cheetah in India को लेकर देशभर में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। हाल ही में जैन समाज (Jain Samaj) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति जताई है।
🏷️ इस लेख में हम यह जानेंगे
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🐆 प्रोजेक्ट चीता और विवाद
- 17 सितंबर 2022 को 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया।
- समाचारों के अनुसार, इन चीतों के भोजन के लिए चीतल, हिरण और अन्य वन्यजीवों की व्यवस्था की गई है।
- इस बात को लेकर जैन समाज और बिश्नोई समाज जैसे समुदायों ने गहरी आपत्ति जताई है।
✉️ जैन समाज का विरोध
लक्ष्मणगढ़ (राजस्थान) के जैन समाज अध्यक्ष सुमेर चंद जैन ने कहा –
- हमें कोई हक नहीं है कि बेजुबान और बेगुनाह जानवरों को किसी मांसाहारी जीव के सामने आहार के रूप में प्रस्तुत करें।
- यह निर्णय अवैधानिक और संवेदनहीन है।
- जैन समाज ने इस प्रोजेक्ट को "विनाशकारी और हिंसक" बताते हुए अहिंसक विरोध जताया।
- उन्होंने मांग की है कि इस प्रोजेक्ट को तुरंत रोका जाए।
🕊️ अहिंसा की भावना और वन्यजीव संरक्षण
जैन समाज ने यह भी कहा कि –
- चीता प्रजाति का संरक्षण आवश्यक है।
- लेकिन इसका समाधान हिंसा के माध्यम से नहीं होना चाहिए।
- हिरण और चीतल को चीता के भोजन के रूप में उपलब्ध कराना अनुचित है।
📌 भविष्य की योजना
समाचारों के अनुसार, Project Cheetah के तहत अगले 5 वर्षों में 50 चीते भारत लाने की योजना है।
लेकिन अब इस प्रोजेक्ट पर धार्मिक और सामाजिक विरोध के चलते नई बहस छिड़ गई है।
✅ निष्कर्ष
भारत में विलुप्त हो चुके चीते को पुनर्स्थापित करना एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कदम है। लेकिन इसके साथ-साथ अहिंसा और मानवीय मूल्यों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
जैन समाज और बिश्नोई समाज का विरोध इस बहस को और गहरा कर रहा है कि – क्या वन्यजीव संरक्षण के नाम पर अन्य बेजुबान जीवों की बलि देना उचित है?
📌 FAQs – प्रोजेक्ट चीता और जैन समाज का विरोध
Q1. प्रोजेक्ट चीता क्या है?
➡️ यह भारत सरकार का एक कार्यक्रम है जिसके तहत अफ्रीका से चीते लाकर भारत में उनकी प्रजाति को पुनर्स्थापित किया जा रहा है।
Q2. चीता भारत में कब विलुप्त हुआ?
➡️ भारत में चीता वर्ष 1952 में आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित हुआ।
Q3. जैन समाज प्रोजेक्ट चीता का विरोध क्यों कर रहा है?
➡️ क्योंकि चीतों के लिए चीतल, हिरण और अन्य जानवरों को आहार के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे जैन समाज हिंसा और अहिंसा के सिद्धांत के खिलाफ मानता है।
Q4. क्या प्रोजेक्ट चीता पूरी तरह से बंद हो सकता है?
➡️ अभी इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं है, लेकिन धार्मिक और सामाजिक विरोध के चलते सरकार पर दबाव बढ़ सकता है।
Q5. प्रोजेक्ट चीता में आगे क्या योजना है?
➡️ अगले 5 साल में भारत में 50 चीते लाने की योजना है।