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चीतों को हिरण और चीतल परोसने के विरोध में उतरा बिश्नोई समाज, पीएम मोदी को लिखा पत्र

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चीतों को हिरण और चीतल परोसने के विरोध में उतरा बिश्नोई समाज, पीएम मोदी को लिखा पत्र

चीतों को हिरण और चीतल परोसने के विरोध में उतरा बिश्नोई समाज, पीएम मोदी को लिखा पत्र :-

भारत में 1952 में चीता की प्रजाति विलुप्त हो गई थी। जिसे पुनर्स्थापित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के पावन अवसर पर सरकार ने नामीबिया से 8 विदेशी चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा।

विदेशी चीतों की भूख मिटाने के लिए 181 चीतल की बली दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

चीतों को चीतल व हिरण खिलाने के विरोध में बिश्नोई समाज (Bishnoi Community) सड़कों पर उतर आया है। मंगलवार को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के बैनर तले समाज के लोगों ने राजस्थान के जोधपुर में आक्रोश प्रदर्शन किया।

हालांकि विश्नोई समाज के लिए हिरन आस्था का विषय रहा है इसलिए चीतों को चीतल व हिरण खिलाने के विरोध में कांग्रेस के सांचौर विधायक व श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और बीजेपी विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है।


विश्नोई समाज ने राष्ट्रपति से की मांग :-

जोधपुर में प्रदर्शन के दौरान बिश्नोई समाज ने प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम पत्र दिया है जिसमें बिश्नोई समाज ने राष्ट्रपति से निवेदन किया है कि केंद्र सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से लाकर 8 विदेशी चीतों को, हिंदुस्तान के वनों में विलुप्त प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है।

विदेशी चीतों के भोजन में चीतल और हिरण छोड़ने से बिश्नोई समाज व अन्य समाजों के वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है। बिश्नोई समाज अपने आराध्य गुरु जंभेश्वर भगवान के बताए गए सिद्धांतों पर चलते हुए पिछली पांच शताब्दियों से पर्यावरण, प्रकृति तथा वन्यजीवों की रक्षा कर रहे हैं।

साथ में बिश्नोई समाज ने राष्ट्रपति से पत्र में यह भी निवेदन किया है कि बिश्नोई समाज वृक्षों तथा वन्यजीवों के लिए बलिदान देता आया है इनकी रक्षा के लिए बिश्नोई समाज ने 363 लोगों का बलिदान दिया है।

बिश्नोई समाज ने भारत के राष्ट्रपति से यह मांग है कि विलुप्त होती चीता की प्रजाति को बचाया जाए लेकिन चीतों के लिए चीतल और हिरण परोसने के फैसले को अवैधानिक और संवेदनशील मानते हुए तत्काल निरस्त किया जाए।

इस मामले में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष श्री देवेंद्र बूड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर नाराजगी व्यक्त की है।


कांग्रेस मंत्री ने पीएम मोदी को लिखा पत्र :-

कांग्रेस के सांचौर विधायक व श्रम राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने पीएम मोदी को लिखे पत्र। जिसमें सुखराम बिश्नोई ने चीतों को चीतल और हिरण खिलाने पर नाराजगी व्यक्त की है।

उन्होंने लिखा है कि बिश्नोई समाज के लिए हिरण आस्था का विशेष रहा है समाज के सैकड़ों लोगों ने हिरणों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है।

देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बनाए कानून वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में भी हिरणों के शिकार पर पाबंदी तथा हिरणों के संरक्षण की बात करता है।

इसे ध्यान में रखते हुए आस्था से जुड़े हिरणों को जीतों का भोजन बनाने वाले अवैधानिक और असंवेदनशील फैसले को तत्काल वापस ले लेना चाहिए।


हिरण को चीता का भोजन बनाने पर बीजेपी विधायक ने भी जताई नाराजगी :-

कांग्रेस नेताओं ने ही नहीं, बल्कि बीजेपी नेताओं ने भी हिरण को चीता का भोजन बनाने पर नाराजगी व्यक्त की है। बीजेपी के नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा। जिसमें बीजेपी के नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र एवं जैव विविधता के लिए कोई भी जीव पृथ्वी से विलुप्त नहीं होना चाहिए। इस फूड चैन में एक की कमी हजारों आपदाओं को जन्म दे सकती है ऐसे में किसी एक प्रजाति को पुनःस्थापित करने के लिए किसी दूसरी प्रजाति को विलुप्त नहीं किया जाना चाहिए।

अगर चीतों को भोजन में हिरण दे रहे हैं तो इस पर तत्काल रोक लगाएं, ताकि समाज की भावनाएं आहत ना हो।

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कूनो नेशनल पार्क में भेजें चीतल :-

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 विदेशी चीजों की भूख को मिटाने के लिए राजगढ़ के जंगल से 181 चीतल श्योपुर भेजे गए है।

इससे पहले 2021 में भी गांधी सागर अभ्यारण में 245 चीतल भेजे गए थे तथा देवास के सिवनी में भी 9 चीतल भेजे गए थे।

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