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देश में पहली बार भोपाल में e-RUPI से इलाज |
देश में पहली बार भोपाल में e-RUPI से इलाज : SMS या QR कोड के रूप में मिलेगा Voucher :-
देश में पहली बार मध्यप्रदेश के भोपाल से ई-रुपी (e-RUPI) वाउचर के जरिए इलाज शुरू हुआ। ई-रुपी (e-RUPI) वाउचर की फैसिलिटी 'आयुष्मान भारत निरामयम' योजना के तहत लाभार्थियों को मिल रही है। चिरायु मेडिकल कॉलेज में एडमिट मरीज को पहला ई-रुपी डिजिटल वाउचर जारी किया गया। आयुष्मान भारत निरामयम मध्यप्रदेश के ऑफिस में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. शंकर प्रिंजा ने इसकी शुरुआत की।
हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले ई-वाउचर-बेस्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन ई-रुपी (e-RUPI) लॉन्च किया था।
ई-रुपी (e-RUPI) एक प्रीपेड ई-वाउचर है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है। इसका मकसद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है। इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट होता है।
ई-रुपी वाउचर सिस्टम क्या है? किस तरह काम करेगा? इत्यादि अनेक प्रश्नों को समाहित करते हुए डॉ. शंकर प्रिंजा ने ई-रुपी वाउचर के बारे में विस्तृत जानकारी दी है जो कि इस प्रकार से है...
ई-रुपी वाउचर क्या है?
ई-रुपी एक डिजिटल वाउचर है। यह लाभार्थियों के लिए उसके फोन पर SMS या फिर QR कोड के रूप में दिया जाता है। इसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है। इस One Time Payment Service में लाभार्थी बिना कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या फिर इंटरनेट बैंकिंग के वाउचर का उपयोग कर सकता है। यह वाउचर प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर को समय पर भुगतान करता है।
मेडिकल फील्ड में ई-रुपी डिजिटल वाउचर कैसे काम करेगा?
डॉ. शंकर प्रिंजा बताते हैं कि ई-रुपी डिजिटल वाउचर एक व्यक्ति विशिष्ट (Individual specific) यहां तक कि उद्देश्य विशिष्ट (Purpose specific) डिजिटल वाउचर है। यानी कि ये वाउचर मरीज विशेष के लिए, विशेष जांच और दवा के लिए जारी होगा। अभी तक यह होता आ रहा है कि अस्पताल मरीज के इलाज का पूरा पैकेज का भुगतान करा लेते हैं लेकिन ई-वाउचर के माध्यम से ऐसा नहीं हो सकेगा। जैसे कि कोई मरीज किसी अस्पताल में भर्ती है लेकिन उसे कुछ जांचें बाहर लैब से कराना पड़ती है तो इसके लिए अलग से ई-वाउचर जारी किया जाएगा। अभी तक यह होता आ रहा है कि अस्पताल इन जांचों का भुगतान करा लेता है लेकिन ई-वाउचर के माध्यम से ऐसा नहीं हो सकेगा। अस्पताल में ही आयुष्मान सेंटर से ही मरीज को जांच के लिए ई-वाउचर जारी कराया जाएगा। यही कंडीशन दवाओं के लिए भी रहेगी। यानी कि मरीज को कहीं बाहर से दवाई लेना पढ़ती है तो उसके लिए अलग से ई-वाउचर दिया जाएगा।
ई-रुपी डिजिटल वाउचर जनरेट कैसे होगा?
आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीजों या फिर उनके रिश्तेदारों को इसके लिए ज्यादा भाग-दौड़ करने की जरूरत नहीं होगी। ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी अस्पताल को ही प्रोवाइड करानी होगी। जैसे कि अस्पताल से किसी मरीज को जांच के लिए लैब भेजा जाता है तो आयुष्मान डेस्क ही अस्पताल में डिजिटल वाउचर जनरेट करेगा। आयुष्मान डेस्क की प्रोसेस के बाद मरीज के मोबाइल पर QR कोड या फिर SMS के जरिए ई-रुपी डिजिटल वाउचर आ जाएगा। साथ में मैसेज में यह भी बताया जाएगा कि आपके इस इलाज के लिए इतनी राशि स्वीकृत हुई है। अब मरीज जब लैब जाता है तो लैब में यही QR कोड स्कैन करने पर मरीज के मोबाइल पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। मरीज को लैब में यही OTP बताना होगा और वहां पेमेंट का भुगतान हो जाएगा। ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी के तहत मरीज को यह क्लियर हो जाएगा कि कितना पैसा किस इलाज और जांच में खर्च हुआ है।
ई-रुपी डिजिटल वाउचर के माध्यम से किसी भी लैब में जांच हो सकेगी या फिर किसी भी मेडिकल स्टोर्स से दवा ले सकेंगे?
नहीं! डॉ. शंकर प्रिंजा बताते हैं कि उन्हीं लैब और मेडिकल स्टोर्स पर ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी मिलेगी, जिनके साथ टाईअप होगा। हम अच्छी क्वालिटी की लैब्स को इस सिस्टम में जोड़ रहे हैं। अस्पतालों द्वारा बताई गई लैब का वैरिफिकेशन कराकर उन्हें इस सिस्टम से जोड़ेंगे। दवाओं के लिए हम जन औषधि केंद्रों और प्राइवेट फार्मेसी को भी जोड़ रहे हैं।
कैंसर मरीजों के लिए ई-रुपी डिजिटल वाउचर की एक्स्ट्रा फैसिलिटी :-
ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीजों को ही मिलेगी। लेकिन कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए इसमें छूट दी गई है। यानी कैंसर पीड़ित मरीज बिना भर्ती हुए भी अपनी जांचें ई-रुपी डिजिटल वाउचर के जरिए करा सकते हैं। इसमें प्रोसेस सेम ही रहेगी।
डॉ. शंकर प्रिंजा ने बताया है कि दुनियाभर के रिसर्च ये बताते हैं कि कैंसर के इलाज में सबसे ज्यादा खर्च ओपीडी में होता है। इसमें भी ज्यादातर खर्च जांचों में लगता है। कीमोथैरेपी जैसे दवाओं का खर्च आयुष्मान के पैकेज में पहले से कवर हो रहा है। हम कैंसर मरीजों को भर्ती होने से पहले होने वाली जांचों के ई-रुपी डिजिटल वाउचर जनरेट करेंगे। इसमें हमने नेशनल कैंसर ग्रिड की स्टेंडर्ड गाइडलाइन के अनुसार कैंसर मरीजों के डायग्नोस्टिक्स वाउचर जनरेशन की व्यवस्था की है।
रिव्यू के बाद ई-रुपी डिजिटल वाउचर पूरे प्रदेश में लागू करेंगे :-
आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. अनुराग चौधरी ने बताया है कि अभी ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच किया गया है। ई-रुपी डिजिटल वाउचर की फैसिलिटी में भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन सहित बड़े शहरों के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को जोड़ा गया है। पायलट प्रोजेक्ट का रिव्यू करने के बाद ई-रुपी डिजिटल वाउचर को पूरे देश में लागू किया जाएगा।