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MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने वाला मध्यप्रदेश बना पहला राज्य

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MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने वाला मध्यप्रदेश बना पहला राज्य

MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने वाला मध्यप्रदेश बना पहला राज्य :-

हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि हमारे देश के शिक्षा नीति पद्धति को बदलकर, नई शिक्षा नीति को लागू किया जाए जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चे भी बिना किसी भाषागत भेदभाव के समान रूप से शिक्षा ले सके।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान ने हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की इस इच्छा को साकार रूप दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे बड़ा काम यह किया है कि उन्होंने भारतीय मानसिकता को बदल दिया है उन्होंने देश में हिंदी बोलकर भारतीयों की शाम को बढ़ाया है। जब इटली, चीन अपनी भाषा में पढ़ा सकते है तो भारत क्यों नहीं अपनी भाषा में पढ़ा सकता है। पहली बार जब मैंने वल्लभ भवन में हिन्दी में पढ़ाई की बात कही तो सभी इधर-उधर मुंह करके हंस रहे थे।

15 नवंबर से MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। इसके बाद इसी साल 6 इंजीनियरिंग और 6 पॉलिटेक्टनिक कॉलेज में भी हिन्दी में पढ़ाई होगी। बाद में आईआईटी में भी हिन्दी में पढ़ाई होगी। आईआईएम की पढ़ाई भी हिन्दी में करवाएंगे।


चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का संकल्प :-

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आजादी के बाद मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जो हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा। हमने पूरी तरह से शोध करके यह तय किया है कि किस तरह से मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करवा सकते हैं। हमने MBBS की फर्स्ट ईयर की 3 किताबों का हिंदी अनुवाद किया है। 97 डॉक्टरों की टीम ने इस पर काम किया है हम आगे के पाठ्यक्रमों का भी हिंदी में अनुवाद करेंगे। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जो हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा।


97 डॉक्टरों ने 4 महीने में तैयार की, MBBS 3 किताबें :-

देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था। मध्य प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने तक दिन रात मेहनत करके अंग्रेजी की किताबों का हिंदी में अनुवाद किया है। डॉक्टरों के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर्स की टीम भी बनाई गई थी। इस प्रक्रिया में तकनीकी पहलुओं और छात्रों के भविष्य की चुनौतियों का भी ख्याल रखा गया है। इन किताबों को इस प्रकार से अनुवादित करके तैयार किया गया है कि जिसमें शब्द के मायने हिंदी में ऐसे ना बदल जाए कि उसे समझना मुश्किल लगे।

हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट भी किया...

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