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श्री सम्मेद शिखर जी को शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग |
श्री सम्मेद शिखर जी को शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग :-
विगत दिनों हुए झारखंड राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार ने तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है जिसके विरोध में जैन समाज ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत झारखंड राज्य में स्थित जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर को अतिक्रमण मुक्त कराने तथा उसे शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर विश्व जैन संगठन के सदस्यों ने रविवार 11 दिसंबर को भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया है।
झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के मधुबन स्थित पारसनाथ पर्वत शिखर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों की तपोस्थली है।
विश्व जैन संगठन के प्रमुख संजय जैन शुक्रवार को एक बयान के मुताबिक यह बताया है कि जैन धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर पर अतिक्रमण किया जा रहा है और साजिश के तहत सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को नष्ट करने की कोशिश हो रही है।
संजय जैन ने कहां है कि झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील इस क्षेत्र में एक हिस्से में पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी है, जो कि जैन समाज को मंजूर नहीं है।
विश्व जैन संगठन के प्रमुख संजय जैन ने यह भी बताया है कि किसी साजिश के तहत शाश्वत जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता व स्वतंत्र पहचान नष्ट करने की कोशिश की जा रही है जिसे जैन समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
साथ में संजय जैन ने यह भी स्पष्ट किया है कि विश्व जैन संगठन ने 27 जनवरी और 17 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और झारखंड सरकार को पत्र लिखे थे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
विश्व जैन संगठन की मांग :-
विश्व जैन संगठन के प्रमुख संजय जैन ने बताया है कि सम्मेद शिखर जी को अतिक्रमण मुक्त कराने एवं इसके संरक्षण के लिए संपूर्ण क्षेत्र को मांस मदिरा मुक्त कराने के साथ साथ सम्मेद शिखर जी को जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की।
विश्व जैन संगठन ने अपनी मांग को रखने के लिए रविवार, 11 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया।