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Silicon Valley Bank और Signature Bank के बाद, अब दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक Credit Suisse Bank भी हुआ दिवालिया! |
Silicon Valley Bank और Signature Bank के बाद, अब दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक Credit Suisse Bank भी हुआ दिवालिया :-
Silicon Valley Bank और Signature Bank के बाद, अब दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक Credit Suisse Bank भी हुआ दिवालिया। इस समस्या का मूल कारण बॉन्ड मार्केट रहा है।
Robert Kiyosaki ने की भविष्यवाणी :
रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) की भविष्यवाणी के बाद अमेरिकी शेयर मार्केट में तेजी से गिरावट का दबाव बना।
अमेरिकी शेयर बाजार के एक्सपर्ट रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने बताया है कि सिलिकॉन वैली (Silicon Valley Bank) और सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) के बाद अब अगला नंबर क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) का है। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि इस समस्या की मूल जड़ बॉन्ड मार्केट है। क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) की खबर सामने आने के बाद दुनियाभर के मार्केट में भारी गिरावट देखी जा रही है। क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) के यूएस-लिस्टेड शेयर भी 24% गिर गए। क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) का हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड में है।
भारतीय बाजार पर भी दिख सकता है असर :
अमेरिकी बाजारों (US markets) के साथ यूरोपीय बाजारों (european markets) में भी भारी गिरावट देखी गई। इसमें से सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग स्टॉक्स (banking stocks) में रही हैं। इस गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। जब अमेरिकी बाजारों (US markets) के साथ यूरोपीय बाजारों (european markets) में भी भारी गिरावट देखी गई। तब भारतीय बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और 50 शेयरों वाला निफ्टी (Nifty fifty) भी गिरावट के साथ बंद हुआ। एक्सपर्ट के मुताबिक, इस समस्या का भारतीय मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
2008 में अमेरिका में आई थी सबसे बड़ी मंदी :
29 सितंबर 2008 को जब अमेरिकी बाजार (US market) खुले, तो गिरावट के सारे रिकॉर्ड टूट गए। करीब 1.2 लाख करोड़ डॉलर सिर्फ एक दिन में साफ हो गया था। जो कि उस समय भारत की कुल GDP के बराबर की रकम थी। अमेरिकी बाजार (US market) में इससे पहले 1987 में इतनी बढ़ी गिरावट देखने को मिली थी। अमेरिकी बाजार (US market) खुले के साथ ही बाजार के दिग्गज जैसे- एप्पल 18%, सीटीग्रुप 12%, जेपी मॉर्गन 15% तक टूट गए थे। इस आर्थिक मंदी के पीछे लीमैन ब्रदर्स (Lehman Brothers) सबसे बड़ी वजह रहे।
दरअसल, अमेरिका में 2002-04 में होम लोन (Home Loan) सस्ता और आसान होने से प्रॉपर्टी (Property) की डिमांड बढ़ रही थी। इस तेजी में लीमैन (Lehman) ने लोन (Loan) देने वाली 5 कंपनियां खरीद लीं। लेकिन ऊंची कीमतों के चलते डिमांड घटने लगी और लोन डिफॉल्ट (loan default) होने लगे। इसका नतीजा ये हुआ कि मार्च 2008 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी होम लोन कंपनी बियर स्टर्न्स डूब गई। 17 मार्च को लीमैन के शेयर 48 फीसदी तक गिरे। इसके बाद 15 सिंतबर को लीमैन ने दीवालिया होने का आवेदन किया और 29 सितंबर को अमेरिकी बाजार (US Market) में कोहराम मच गया।