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SEBI New Rule: 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम, जानें निवेशकों पर असर |
SEBI New Rule: 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम, जानें निवेशकों पर असर
भारतीय शेयर बाजार में बढ़ती अस्थिरता और इंट्राडे ट्रेडिंग में बढ़ते रिस्क को देखते हुए SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने बड़ा कदम उठाया है।
1 अक्टूबर 2025 से इंट्राडे और डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए नए नियम लागू हो रहे हैं। इनका उद्देश्य है –
- बाजार की स्थिरता बनाए रखना,
- बड़े खिलाड़ियों की मनमानी रोकना,
- और रिटेल निवेशकों को सुरक्षा देना।
आइए विस्तार से समझते हैं—
SEBI के नए नियम क्या हैं?
1. नेट इंट्राडे पोजिशन लिमिट
अब किसी भी संस्था की नेट पोजिशन (फ्यूचर्स-इक्विवेलेंट बेसिस पर) ₹5,000 करोड़ से अधिक नहीं होगी।
2. ग्रॉस इंट्राडे पोजिशन लिमिट
ग्रोस पोजिशन की सीमा ₹10,000 करोड़ तय की गई है, जो एंड-ऑफ-डे लिमिट के बराबर है।
निगरानी कैसे होगी?
- स्टॉक एक्सचेंज को दिन में कम से कम 4 बार रैंडम स्नैपशॉट लेना होगा।
- एक स्नैपशॉट अनिवार्य रूप से 2:45 PM से 3:30 PM के बीच लिया जाएगा।
- एक्सचेंज को निगरानी के दौरान इंडेक्स के मौजूदा प्राइस को ध्यान में रखना होगा, ताकि रियल-टाइम रिस्क का आकलन हो सके।
नियम तोड़ने पर कार्रवाई
अगर कोई एंटिटी तय लिमिट से ज्यादा पोजिशन लेती है तो—
- उसके ट्रेडिंग पैटर्न की जांच होगी।
- क्लाइंट से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
- संबंधित इंडेक्स स्टॉक्स में ट्रेडिंग की जांच की जाएगी।
- जरूरत पड़ने पर मामला SEBI की सर्विलांस मीटिंग तक जाएगा।
- खासकर Expiry Day पर नियम तोड़ने वालों पर पेनाल्टी या अतिरिक्त सर्विलांस डिपॉजिट लगाया जाएगा।
यह कदम क्यों उठाया गया?
- हाल ही में यह देखा गया कि कुछ बड़े ट्रेडर्स और संस्थाएं बाजार में अत्यधिक पोजिशन लेकर कृत्रिम वोलैटिलिटी पैदा कर रही थीं।
- विशेष रूप से Expiry Day पर यह समस्या और बढ़ जाती थी।
- Jane Street Group से जुड़ी हेराफेरी की घटना के बाद SEBI और सतर्क हो गया।
- अब नए नियम से ऐसे अनुचित लाभ उठाने वालों पर रोक लगेगी।
निवेशकों पर असर
- रिटेल इन्वेस्टर्स को फायदा – अब बाजार में स्थिरता रहेगी और छोटे निवेशकों के लिए रिस्क कम होगा।
- बड़े ट्रेडर्स पर रोक – वे अब मनमाने ढंग से बाजार की दिशा नहीं बदल पाएंगे।
- Expiry Day वोलैटिलिटी कंट्रोल – भारी उतार-चढ़ाव रोका जा सकेगा।
- निगरानी और सख्ती – SEBI और एक्सचेंज हर बड़े सौदे पर नजर रखेंगे।
📊 SEBI New Intraday Trading Rules – Summary Table
नियम | डिटेल्स | लागू होने की तारीख | असर |
---|---|---|---|
नेट इंट्राडे पोजिशन लिमिट | किसी भी संस्था की नेट पोजिशन ₹5,000 करोड़ से अधिक नहीं होगी (फ्यूचर्स-इक्विवेलेंट बेसिस पर) | 1 अक्टूबर 2025 | बड़े सौदों पर रोक, वोलैटिलिटी कम |
ग्रोस इंट्राडे पोजिशन लिमिट | ग्रॉस पोजिशन की सीमा ₹10,000 करोड़ | 1 अक्टूबर 2025 | एंड-ऑफ-डे लिमिट के बराबर |
निगरानी प्रक्रिया | एक्सचेंज को दिन में 4 बार रैंडम स्नैपशॉट लेना अनिवार्य, एक स्नैपशॉट 2:45 PM से 3:30 PM के बीच | 1 अक्टूबर 2025 | रियल-टाइम मॉनिटरिंग और रिस्क कंट्रोल |
नियम तोड़ने पर कार्रवाई | पेनाल्टी, अतिरिक्त सर्विलांस डिपॉजिट, ट्रेडिंग पैटर्न की जांच, क्लाइंट से स्पष्टीकरण | 6 दिसंबर 2025 से (दंड प्रावधान) | नियम तोड़ने वालों पर सख्ती |
क्यों लागू हुआ नियम | बड़े ट्रेडर्स की मनमानी रोकना, Expiry Day की वोलैटिलिटी कंट्रोल करना | - | रिटेल इन्वेस्टर्स को सुरक्षा और बाजार स्थिरता |
कब से लागू होंगे नए नियम?
- इंट्राडे निगरानी और लिमिट से जुड़े नियम → 1 अक्टूबर 2025 से
- Expiry Day उल्लंघन पर दंड प्रावधान → 6 दिसंबर 2025 से
निष्कर्ष
SEBI के नए नियम भारतीय डेरिवेटिव मार्केट के लिए एक बड़ा सुधार हैं।
- इससे बाजार की पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ेगी।
- छोटे निवेशकों को सुरक्षा मिलेगी।
- और बड़े खिलाड़ियों की हेराफेरी पर अंकुश लगेगा।
अगर आप एक इंट्राडे या ऑप्शन ट्रेडर हैं तो इन नियमों को ध्यान से समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप किसी तरह की पेनाल्टी से बच सकें और सुरक्षित ट्रेडिंग कर सकें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. नया नेट इंट्राडे पोजिशन लिमिट कितना है?
👉 अब किसी भी संस्था की नेट पोजिशन ₹5,000 करोड़ से अधिक नहीं हो सकेगी।
Q2. ग्रॉस इंट्राडे पोजिशन की सीमा कितनी होगी?
👉 ग्रॉस पोजिशन लिमिट ₹10,000 करोड़ तय की गई है।
Q3. निगरानी कैसे होगी?
👉 स्टॉक एक्सचेंज दिन में 4 बार रैंडम स्नैपशॉट लेकर निगरानी करेंगे।
Q4. अगर नियम तोड़े गए तो क्या होगा?
👉 उल्लंघन करने वालों पर जांच, पेनाल्टी और अतिरिक्त सर्विलांस डिपॉजिट लगाया जा सकता है।
Q5. यह नियम कब से लागू होंगे?
👉 इंट्राडे लिमिट नियम 1 अक्टूबर 2025 से और Expiry Day दंड प्रावधान 6 दिसंबर 2025 से लागू होंगे।