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SEBI का ऐलान, शेयर खरीदने-बेचने के लिए भी अब मिलेगी ASBA सुविधा, जानें क्या होता है ये! |
SEBI का ऐलान, शेयर खरीदने-बेचने के लिए भी अब मिलेगी ASBA सुविधा, जानें क्या होता है ये :-
सेबी के बोर्ड की बुधवार, 29 मार्च को हुई बैठक में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शेयर बाजार के लिए एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) सुविधा के लिए अपनी मंजूरी दे दी। SEBI की इस पहल का उद्देश्य निवेशकों (Investors) के पैसे को शेयर ब्रोकरों के दुरुपयोग से सुरक्षित रखना है। ताकि निवेशों (Investors) के पैसों का दुरुपयोग न हो सके। साथ में निवेशों को सुरक्षा मिलें।
SEBI चीफ ने कहा हैं कि फिलहाल ब्रोकरों और निवेशकों के लिए एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) का इस्तेमाल करना वैकल्पिक होगा।
SEBI बैठक के बाद सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि "फिलहाल इस चरण में ब्रोकरों और निवेशकों के लिए इसे ऑफर करना और इसका लाभ उठाना ऑप्शनल यानी वैकल्पिक होगा।"
वर्तमान समय में एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) प्रक्रिया का इस्तेमाल अभी IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफर) और प्राइमरी मार्केट के दूसरे इश्यू के लिए आवेदन करते समय होता है। ASBA के तहत ब्लॉक हुआ फंड यूजर्स के खाते में ही रहता है।
अब शेयरों की खरीद-फरोख्त (Buy-sale) में भी ASBA प्रक्रिया को लाया जा रहा है। इससे स्टॉक ब्रोकरों और क्लीयरिंग मेंबरों के पास रिटेल निवेशकों के रखे पैसों की सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही यह यूजर्स के फंड के दुरुपयोग से जुड़े जोखिमों को भी कम करेगा। जो कि रिटेल निवेशकों के लिए अच्छा रहेगा।
एक्सचेंज मार्जिन जरूरतों के सरप्लस (आधिक्य) में रखे निवेशकों के फंड को अब क्लीयरिंग कॉरपोरेशन की ओर से बेहद कम जोखिम वाले और 15 दिनों के लिक्विडिटी वाले मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में रखा जाएगा।
SEBI बैठक में ये फैसले भी लिए गए :
SEBI बैठक में SEBI ने शेयर बाजार की व्यवस्था और कंपनियों के संचालन को बेहतर बनाने के लिये कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें लोगों के सूचीबद्ध कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में आजीवन सदस्य बने रहने के चलन को समाप्त करना और शेयर ब्रोकरों की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने को लेकर कई नियम शामिल हैं।
इसके अलावा SEBI ने प्राइवेट इक्विटी फंड्स को म्यूचुअल फंड का प्रायोजक बनने की नियामकीय रूपरेखा को भी मंजूरी दी। इस कदम से म्यूचुअल फंड को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए एनवायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी और गवर्नेस (ESG) के बारे में खुलासों को लेकर नियामकीय व्यवस्था को मंजूरी दी। जो कि शेयर बाजार को व्यवस्थित संचालन के लिए बेहद जरूरी है।