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FY23 में Market में घटी रिटेल निवेशकों की भागीदारी, Derivatives Segment का वॉल्यूम उच्चतम स्तर के करीब!

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FY23 में Market में घटी रिटेल निवेशकों की भागीदारी, Derivatives Segment का वॉल्यूम उच्चतम स्तर के करीब!

FY23 में Market में घटी रिटेल निवेशकों की भागीदारी, Derivatives Segment का वॉल्यूम उच्चतम स्तर के करीब :-

ताजे आंकड़ों के अनुसार BSE और NSE पर कैश सेगमेंट (Cash Segment) में समग्र औसत डेली टर्नओवर (Overall Average Daily Turnover) 57,700 करोड़ पर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कैश सेगमेंट (Cash Segment) में सालाना आधार पर 20.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। यह वित्त वर्ष 2012 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट हैं और वित्त वर्ष 2016 के बाद आई पहली गिरावट है। बता दें कि वित्त वर्ष 2016 में भी स्टॉक एक्सचेंजों में इक्विटी कैश सेगमेंट (Equity Cash Segment) में डेली कैश वॉल्यूम में 5.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivatives Segment) का वॉल्यूम पिछले साल से हर महीने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब रहा है। वित्त वर्ष 2023 में अब तक डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivatives Segment) में औसत दैनिक टर्नओवर 150.67 लाख करोड़ रुपये रहा है जो वित्त वर्ष 2022 को 68.35 लाख करोड़ रुपये से 120 प्रतिशत ज्यादा है। इस डेटा के अनुसार देखा जाए तो डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivatives Segment) trend में चल रहा हैं।

इक्विटी मार्केट (equity market) में देखने को मिल रही भारी उठापटक ने निवेशकों के सेंटीमेंट को काफी चोट पहुंचाई है। हाल में जारी आंकड़ों से यह पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में कैश सेगमेंट (cash segment) में स्टॉक एक्सचेंजों (stock exchanges) का डेली कैश वॉल्यूम 20 फीसदी से ज्यादा गिरकर 11 सालों को निचले स्तर पर पहुंच गया है।

ताजे आंकड़ों के अनुसार BSE और NSE पर कैश सेगमेंट (Cash Segment) में समग्र औसत डेली टर्नओवर (Overall Average Daily Turnover) 57,700 करोड़ पर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कैश सेगमेंट (Cash Segment) में सालाना आधार पर 20.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। यह वित्त वर्ष 2012 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट हैं और वित्त वर्ष 2016 के बाद आई पहली गिरावट है। बता दें कि वित्त वर्ष 2016 में भी स्टॉक एक्सचेंजों में इक्विटी कैश सेगमेंट (Equity Cash Segment) में डेली कैश वॉल्यूम में 5.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

निवेशकों का सेंटीमेंट क्यो बदल रहा है?

वित्त वर्ष 2023 में बाजार में निवेशकों की संख्या घटी है। जिनके कुछ कारण हैं जो कि नीचे दिए गए हैं...

सेंट्रल बैंकों द्वारा महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी, जियो पोलिटिकल तनाव और हाल ही में अमेरिका में पैदा हुए बैंकिंग संकट (Banking Crisis) शामिल हैं।

घरेलू बाजार (domestic market) की बात करें तो अदाणी ग्रुप (Adani Group) से जुड़ा मामला, विदेशी निवेशकों (foreign investors) की बिकवाली और इस साल अलनीनों की संभावना के कारण कंपनियों का प्रदर्शन (performance of companies) कमजोर रहने की आशंका जैसे कारण निवेशकों के सेंटीमेंट को चोट पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि निवेशकों का सेंटीमेंट बदल रहा हैं।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस (Geojit Financial Services) के विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल बाजार (global market) में छाई कमजोरी और घरेलू इक्विटी मार्केट (domestic equity market) की सुस्ती के चलते संस्थागत और रिटेल निवेशकों की बाजार में हिस्सेदारी घटी है। इसके बावजूद रिटेल निवेशकों द्वारा लंबी अवधि के नजरिए से किए जाने वाले निवेश के चलते म्यूचुअल फंडों (mutual funds) में अच्छा निवेश आता नजर आ रहा है।

बाजार का ओवरऑल आउटलुक खराब नहीं :

शेयर बाजार का सेंटीमेंट कमजोर है फिर भी तमाम एनालिस्टों का मानना है कि शेयर बाजार का ओवरऑल आउटलुक खराब नहीं है। साथ में शेयर बाजार जानकारों ने बताया है कि एक बार ब्याज दरों (interest rates) में स्थिरता आ जाने और महंगाई पर लगाम लगने के बाद शेयर बाजार फिर से जोरदार वापसी करता दिखेगा। साथ में उन्होंने यह भी बताया है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही से ऐसा होता नजर आ सकता है। क्योंकि शेयर बाजार ऐसा संकेत दे रहा हैं।

एक्सपर्ट की राय :

अनमोल दास ने बताया है कि बाजार में निवेशकों (investors) की रुचि बाजार के प्रदर्शन से जुड़ी होती है। कोरोना महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी (technology) शेयरों में आई रैली के चलते वित्त वर्ष 2021 में औसत दैनिक टर्नओवर में 70 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। इस ग्रोथ के चलते बेंचमार्क इंडेक्सों में कोरोना महामारी के दौर के निचले स्तर की तुलना में 80 फीसदी और कोरोना पूर्व की तुलना में 22 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी। साथ में उन्होंने आगे बताया है कि बाजार का प्रदर्शन निवेशकों की बाजार में भागीदारी को प्रभावित करता है। वर्तमान माइक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के सुधरते ही एक बार निवेशक फिर से बाजार में लौटते दिखेंगे। जो कि भारतीय बाज़ार के लिए अच्छा रहेगा।

Derivatives Segment का वॉल्यूम उच्चतम स्तर के करीब :

ताजे आंकड़ों के अनुसार Derivatives Segment (डेरिवेटिव सेगमेंट) का वॉल्यूम पिछले साल से हर महीने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब रहा है। वित्त वर्ष 2023 में अब तक Derivatives Segment (डेरिवेटिव सेगमेंट) में औसत दैनिक टर्नओवर 150.67 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि वित्त वर्ष 2022 को 68.35 लाख करोड़ रुपये से 120 प्रतिशत ज्यादा है।

एनालिस्ट्स का मानना है कि कई ट्रेडर्स ये मानते हैं कि ऑप्शंस को जरिए न्यूनतम निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसी के चलते FINNIFTY वीकली ऑप्शन की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। उम्मीद है कि यह ट्रेंड बना रहेगा। यह ट्रेंड शेयर बाजार के लिए भी अच्छा है।

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