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2000 से ज्यादा के लेनदेन पर क्यों लगेगा चार्ज? जबकि NPCI ने कहा- UPI Payment है पूरी तरह से फ्री!

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2000 से ज्यादा के लेनदेन पर क्यों लगेगा चार्ज? जबकि NPCI ने कहा- UPI Payment है पूरी तरह से फ्री!

2000 से ज्यादा के लेनदेन पर क्यों लगेगा चार्ज? जबकि NPCI ने कहा- UPI Payment है पूरी तरह से फ्री :-

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने सर्कुलर में सुझाव दिया कि 2000 रुपये से अधिक के पेमेंट (Payment) पर 1.1 फीसदी का चार्ज लगेगा। साथ में इस सर्कुलर में कहा गया है कि UPI से मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स यानी PPI फीस लागू हो सकता है। इसका मतलब यह है कि PPI वॉलेट पर शुल्क लगेगा, जो मर्चेंट को देना होगा। ग्राहकों के लिए इस पर कोई शुल्क नहीं है।

UPI ट्रांजैक्शन बैंक टू बैंक (Bank to Bank) पूरी तरह से फ्री है। सिर्फ PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स) वॉलेट पर शुल्क लगाया गया है। जो कि मर्चेंट द्वारा दिया जाएगा।

मार्च में कहा जा रहा था कि 1 अप्रैल से UPI के जरिए पेमेंट करना महंगा पड़ सकता है। लेकिन इस खबर में थोड़ा पेंच फंसा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस मामले में अपनी सफाई भी जारी कर दी थी।

साथ में National Payments Corporation of India (NPCI) ने बताया हैं कि UPI पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं देना होगा। लेकिन अगर आप एक कारोबारी (Businessman) हैं। आपके अकाउंट के वॉलेट में पैसे हैं। अगर आप वॉलेट के पैसों को ट्रांसफर करना चाहता है, तो इस ट्रांजैक्शन पर चार्ज देना होगा। पेटीएम वॉलेट जैसे प्लेटफॉर्म से 2000 रुपये या उससे ज्यादा पेमेंट रिसीव करने पर 1.1 प्रतिशत तक चार्ज वसूला जाएगा। लेकिन अगर 2000 रुपये से कम का पेमेंट होता है, तो कोई चार्ज नहीं लगेगा। यह चार्ज कारोबारी (Businessman) पर लगाया जाएगा। न कि ग्राहकों (Customeres) पर।

70% ट्रांजैक्शन 2000 रुपये से ज्यादा :

भारत में करीब 70 फीसदी UPI ट्रांजैक्शन 2,000 रुपये से ज्यादा के होते हैं। ऐसी स्थिति में इन पर 1.1 फीसदी का इंटरचेंज चार्ज लगाने की तैयारी की गई है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया है कि 1 अप्रैल से यह शुल्क लागू करने के बाद 30 सितंबर से पहले इसकी समीक्षा की जाएगी। साथ में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अलग-अलग सेक्टर के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस तय की है। एग्रीकल्चर और टेलीकॉम सेक्टर के लिए इंटरचेंज चार्ज की दर कम रहने का अनुमान है। ऐसे लोगों को अब फोनपे (PhonePe), यूपीआई (UPI), गूगलपे (Gpay), पेटीएम (Paytm) जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital Transaction) के लिए एक्सट्रा चार्ज देना पड़ सकता है।

फरवरी 2023 में UPI के जरिए 12.35 लाख करोड़ का हुआ transaction : 

इसी महीने 6 मार्च (सोमवार) को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया था कि पिछले 1 साल में UPI के जरिए किए जा रहे पेमेंट में 50% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं फरवरी 2022 में UPI के जरिए 2.35 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन (transaction) हुआ। जबकि वही फरवरी 2023 में UPI के जरिए 12.35 लाख करोड़ का लेनदेन (transaction) हुआ।

सर्कुलर में क्या कहा गया?

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने सर्कुलर में साफ तौर पर कहा है कि इस बदलाव का कोई असर ग्राहकों (Customers) पर नहीं पड़ेगा। ग्राहकों (Customers) को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा। बैंक खातों से जुड़े UPI लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया है। पहले की तरह ही फ्री में UPI ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। सिर्फ PPI वॉलेट पर शुल्क होगा, जो मर्चेंट को देना होगा। ग्राहकों (Customers) के लिए इसपर कोई शुल्क नहीं है।

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