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Supertech Twin Tower Demolition: अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार का सच |
सुपरटेक ट्विन टावर का काला सच | Supertech Twin Tower Demolition Reasons
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- Supertech Apex and Ceyane demolition reason
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- Supreme Court judgment on Supertech Twin Tower
Introduction
भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में Supertech Twin Tower Demolition इतिहास का सबसे बड़ा केस है। यह केवल इमारत गिराने की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें छिपा है भ्रष्टाचार, बिल्डर और सरकारों की मिलीभगत, और आम जनता के साथ धोखा।
सुपरटेक ट्विन टावर (Apex और Ceyane) को गिराने का आदेश 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था और 28 अगस्त 2022 को यह 3700 किलो बारूद से ध्वस्त कर दिया गया।
👉 लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतने सालों तक यह टावर बन कैसे गया? क्या सरकार और नोएडा अथॉरिटी को इसकी भनक नहीं थी?
सुपरटेक ट्विन टावर क्यों गिराया गया?
- मूल प्लान में केवल 9 मंजिला 14 इमारतों की सोसाइटी की मंजूरी थी।
- बीच में सरकार बदलते ही पार्क और ग्रीन एरिया की जगह दो विशाल टावर (अपैक्स और सियाने) बनाने की अनुमति दे दी गई।
- फ्लैट खरीदारों और सोसाइटी निवासियों ने देखा कि ग्रीन एरिया की जमीन पर अवैध कंस्ट्रक्शन हो रहा है।
- इल्लीगल अप्रूवल्स, भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी के चलते केस कोर्ट तक पहुंचा।
- आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने इसे “अवैध” घोषित कर गिराने का आदेश दिया।
सुपरटेक ट्विन टावर की खास बातें
- कुल ऊंचाई: 40 मंजिल (कुतुब मीनार से भी ऊंचा)।
- कुल लागत: लगभग ₹700-800 करोड़ का प्रोजेक्ट।
- गिराने का खर्च: करीब ₹20 करोड़।
- मलवे से कमाई: लाखों टन लोहे, सीमेंट और स्टील का रीसाइक्लिंग से फायदा।
- कुल फ्लैट: लगभग 915 बुक किए गए थे।
- कई खरीदारों को अभी तक रिफंड नहीं मिला।
सुपरटेक ट्विन टावर से सबक
- बिल्डर लॉबी और भ्रष्टाचार मिलकर जनता को धोखा दे सकती है।
- सरकारें बदलने पर नीतियां बदल जाती हैं, जिससे प्रोजेक्ट की दिशा ही बदल जाती है।
- आम जनता को रियल एस्टेट निवेश से पहले कानूनी कागज़ात और मंजूरी की जांच जरूर करनी चाहिए।
- यह केस भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में Transparency और Accountability की जरूरत को दर्शाता है।
FAQs
Q1. Supertech Twin Tower को क्यों गिराया गया?
👉 क्योंकि यह अवैध निर्माण था और मूल प्लान के खिलाफ बनाया गया था।
Q2. Supertech Twin Tower कितने मंजिल का था?
👉 यह 40 मंजिला इमारत थी, जो कुतुब मीनार से भी ऊंची थी।
Q3. Supertech Twin Tower को गिराने में कितना खर्च आया?
👉 लगभग ₹20 करोड़ का खर्च आया।
Q4. खरीदारों का क्या हुआ?
👉 कई लोगों को अभी भी रिफंड और मुआवजा नहीं मिला, और वे कोर्ट केस लड़ रहे हैं।
Q5. इससे हमें क्या सबक मिलता है?
👉 प्रॉपर्टी खरीदने से पहले RERA Approval, Maps, Legal Documents और Builder की Reputation जरूर जांचें।
Conclusion
Supertech Twin Tower Demolition सिर्फ एक इमारत गिराने की घटना नहीं थी, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक सख्त सबक है कि अगर भ्रष्टाचार और गलत नीयत से काम होगा, तो उसका अंजाम एक दिन इसी तरह होगा।
👉 जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा ताकि भविष्य में कोई बिल्डर भ्रष्टाचार का प्रतीक टावर खड़ा न कर सके।