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PhonePe में जमकर पैसे लगा रहे निवेशक, अब जुटाया 828 करोड़ डॉलर का नया फंड |
PhonePe में जमकर पैसे लगा रहे निवेशक, अब जुटाया 828 करोड़ डॉलर का नया फंड :-
डिजिटल पेमेंट्स एंड फाइनेंशियल सर्विसेज यूनिकॉर्न फोनपे (Digital Payments & Financial Services Unicorn PhonePe) को एक और शानदार फंड हासिल हुआ है। PhonePe (फोनपे) ने अब टाइगर ग्लोबल (Tiger Global), रिबिट कैपिटल (Ribbit Capital) और टीवीएस कैपिटल (TVS Capital) से 10 करोड़ डॉलर (827.98 करोड़ रुपये) का फंड (Fund) जुटाया है। इस फंड (Fund) का इस्तेमाल PhonePe (फोनपे) अपनी ग्रोथ में करेगा।
कुछ हफ्ते पहले PhonePe ने जनरल अटलांटिक (General Atlantic) से 35 करोड़ डॉलर (2897.93 करोड़ रुपये) का फंड जुटाया था जिसके बाद यह देश की सबसे वैल्यू वाली फिनटेक बन गई।
पिछले साल अक्टूबर 2022 में PhonePe की ओर से अपडेट आया था कि वह 1200 करोड़ डॉलर (99357.66 करोड़ रुपये) के वैल्यूएशन पर जनरल अटलांटिक (General Atlantic) और अन्य निवेशकों (investors) से नए फंड जुटाने की तैयारी कर रही है।
PhonePe इन पैसों का कैसे करेगी इस्तेमाल :-
फोनपे (PhonePe) ने फंडिंग के जरिए जो पैसे जुटाए है, उसका इस्तेमाल यह भारत में पेमेंट्स (Payments) और इंश्योरेंस (Insurance) कारोबार को बढ़ाने में करेगी। इसके अलावा इन पैसों का इस्तेमाल अगले कुछ वर्षों में लेंडिंग (lending), स्टॉकब्रोकिंग (stockbroking), ओएनडीसी (डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क) पर आधारित शॉपिंग और अकाउंट एग्रीगेटर्स जैसे नए कारोबार को शुरू करने में भी होगा। फोनपे (PhonePe) ने यह फंड ऐसे समय में जुटाया है जब इसकी सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी पेटीएम (Paytm) कंपनी का वैल्यूएशन नवंबर 2021 में लिस्टिंग के बाद से 50 फीसदी गिर चुका था। 14 फरवरी को पेटीएम कम्पनी का वैल्यूएशन 520 करोड़ डॉलर (43065.39 करोड़ रुपये) से कुछ ही अधिक है। वैल्यूएशन में गिरावट के चलते पेटीएम की क्षमताओं पर सवाल उठे हैं। PhonePe ने इसी समय का सदुपयोग करते हुए खुद को ग्रो (Grow) करने के लिए नए फंड को जुटाने की तैयारी की।
2015 में हुई PhonePe की शुरुआत :-
फोनपे (PhonePe) को फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जेक्यूटिव्स समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने शुरू किया था।
वर्तमान समय में फोनपे (PhonePe) के 40 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स है। फोनपे (PhonePe) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस के मामले में मार्केट लीडर है। मंथली यूपीआई (UPI) वॉल्यूम्स के हिसाब से इसकी बाजार में 47 फीसदी हिस्सेदारी है।
वर्ष 2017 में फोनपे (PhonePe) ने फाइनेंशियल सर्विसेज (financial services) की शुरुआत की थी। जिससे ग्राहकों को बिल (Bill) और यूटिलिटी पेमेंट्स (utility payments) के अलावा फोनपे के प्लेटफॉर्म पर गोल्ड (Gold), इंश्योरेंस (Insurance) और म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) को खरीदने की सुविधा मिली। फोनपे (PhonePe) को 2016 में फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया था और कंपनी सिंगापुर शिफ्ट हो गई थी।
पिछले साल फोनपे (PhonePe) ने गिगइंडिया (GigIndia), वेल्थडेस्क (WealthDesk), ओपनक्यू (OpenQ) और इंडसओएस (IndusOS) का अधिग्रहण किया था।
पिछले साल फोनपे (PhonePe) को फ्लिपकार्ट (Flipkart) से पूरी तरह से अलग कर दिया गया लेकिन दोनों की पैरेंट कंपनी वालमार्ट ही रही। वर्तमान समय में फोनपे (PhonePe) कंपनी भारत में शिफ्ट हो गई है।