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अब हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई |
अब हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई :-
देश में पहली बार मध्यप्रदेश में MBBS की पढ़ाई हिंदी में होगी। केंद्रीय गृहमंत्री माननीय अमित शाह ने भोपाल में आज अर्थात् रविवार को MBBS की तीन किताबों का विमोचन किया है जो कि तीनों किताबें हिंदी भाषा में है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह क्षण देश में शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण का क्षण है उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिंदी में शुरू करके देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की इच्छा पूरी की है।
वर्तमान में देश भर में 8 भाषाओं में पढ़ाई हो रही है यूजी नीट देश की 22 भाषाओं में हो रही है। तथा 10 राज्य इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवा रहे हैं।
अमित शाह ने कहां कि मातृभाषा के समर्थकों के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अब MBBS की पढ़ाई अब हिंदी में भी होगी।
मध्यप्रदेश में जब चुनाव हो रहा था तब घोषणापत्र के भीतर इसका जिक्र भी था भारत देश का मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जिसने प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति को सबसे पहले साकार रूप दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में होती है इसलिए नेल्सन मंडेला ने कहा था कि यदि आप किसी व्यक्ति से उसकी भाषा में बात करते हैं तो वह उसके दिमाग में जाती है।
सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने का संकल्प लिया है इससे देश में नई क्रांति आएगी। अनुसंधान यदि अपनी भाषा में हो, तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं है। एक दिन वह भी विश्व में भारत का डंका बजाकर आएंगे।
कुछ दिनों बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू होगी। इसके लिए इंजीनियर के सिलेबस का हिंदी अनुवाद का काम शुरू हो गया है।
गृहमंत्री माननीय अमित शाह ने रविवार को भोपाल में रिमोट का बटन दबाकर MBBS की 3 किताबों का विमोचन किया है। ये किताबें डॉक्टरों की टीम ने हिन्दी में तैयार की हैं।
इसी मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। गरीब परिवारों के बच्चे, जो हिंदी माध्यम में पढ़कर मेडिकल कॉलेज तो पहुंच जाते थे, लेकिन अंग्रेजी के मायाजाल में फंस जाते थे। कई ने तो मेडिकल की पढ़ाई भी छोड़ दे या फिर आत्महत्या तक पहुंच गए। मैंने एक बच्चे से पूछा कि तुमने डॉक्टरी की पढ़ाई क्यों छोड़ दी ? उसने रोते हुए कहा कि मामा अंग्रेजी समझ में नहीं आती इसलिए मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़ दी। ऐसे बच्चों के लिए हिंदी माध्यम से डॉक्टरी की पढ़ाई करना वरदान सिद्ध होगा।
साथ में मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि अंग्रेज हमें अंग्रेजी का गुलाम बना गए।
यह काम तो आजादी के बाद ही हो जाना था लेकिन यह काम अब हो रहा है। अंग्रेज तो चले गए, लेकिन हमें अंग्रेजी का गुलाम बना गए। ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेजी बोलोगे तो इंप्रेशन पड़ता है। हमने अपने महापुरुषों को भी अपमानित किया है। तात्या टोपे नगर को आज टीटी नगर कहने लगे हैं।
15 नवंबर से होगी मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में :-
काउंसलिंग के बाद आने वाले MBBS के नए बैच के छात्रों को हिंदी में अनुवादित की गई MBBS की किताबों से पढ़ाया जाएगा।
15 नवंबर से नए वर्ष की मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी। मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होने के कारण से मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों के लिए बहुत प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई हिंदी माध्यम से होती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अंग्रेजी ज्यादा समझ में नहीं आती है। इस शुरुआत से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अपने पंख खोलकर उड़ सकते हैं।
हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट भी किया...
आज भारतीय शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन है जब मध्य प्रदेश के भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी में शुरू किया जा रहा है।
— Amit Shah (@AmitShah) October 16, 2022
भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण के @narendramodi जी के संकल्प की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिससे बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएँगे। https://t.co/rhL6wyYnOh