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UPI से क्यों परेशान है पश्चिमी देश |
UPI से क्यों परेशान है पश्चिमी देश :-
UPI, इंडियन टेक्नोलॉजी है जिसमें पश्चिमी देशों को चौंका दिया है। UPI टेक्नोलॉजी युक्त पेमेंट को भारत की नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनाया जा रहा है। भारत में हर दिन लगभग 22 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन होते हैं। UPI टेक्नोलॉजी ने ऑनलाइन पेमेंट को बहुत ही आसान और सुरक्षित बना दिया है।
वर्तमान समय में बाजार से कुछ भी खरीदने के लिए कैश की जरूरत नहीं होती बल्कि मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से ही हम बाजार से कुछ भी खरीद सकते हैं।
हालांकि UPI 2.0 में तो इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होती है। समय के साथ करेंसी और ट्रांजैक्शन का तरीका भी बदला है।
इंडियन UPI ने अपनी कई खूबियों के चलते इंटरनेशनल मार्केट में भी अपना कदम जमा लिया है।
वर्तमान समय में एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने के लिए पेपल, ओएफएक्स, वेस्टर्न यूनियन, स्विफ्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म का यूज करते हैं। लेकिन आने वाले समय में इंडियन UPI के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में पैसे भी भेजे जा सकते हैं।
देशी UPI ने बढ़ाई अमेरिका-चीन की चिंता :-
भारतीय UPI टेक्नोलॉजी से अमेरिका तथा चीन की कई कंपनियां परेशान हो रही है। क्योंकि भारतीय UPI टेक्नोलॉजी ने ऑनलाइन पेमेंट का मार्केट ही बदल दिया है। अमेरिका तथा चीन की बड़ी-बड़ी कंपनियां ऑनलाइन पेमेंट के लिए कस्टमर से कमीशन लिया करती थी जिसके कारण उन बड़ी-बड़ी कंपनियों का रेवेन्यू बनता था लेकिन भारतीय UPI टेक्नोलॉजी ऑनलाइन पेमेंट के लिए बिल्कुल फ्री है। जिसके कारण भारतीय UPI टेक्नोलॉजी ने अमेरिका तथा चीन की बड़ी-बड़ी कंपनियों का बिजनेस ही समाप्त कर दिया है।