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Blu Tick के लिए अब Facebook भी पैसा लेगा, Mark Zuckerberg इसी हफ़्ते लॉन्च करेंगे Blu Tick Paid Service |
Blu Tick के लिए अब Facebook भी पैसा लेगा, Mark Zuckerberg इसी हफ़्ते लॉन्च करेंगे Blu Tick Paid Service :-
Twitter (ट्विटर) के बाद अब फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) भी ब्लू टिक वेरिफिकेशन (Blu Tick Verification) के लिए पैसा वसूलेगा। मेटा (Meta) के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने रविवार को देर रात में सब्सक्रिप्शन सर्विस (Subscription service) लॉन्च करने की जानकारी दी। अभी सब्सक्रिप्शन सर्विस (Subscription service) को ट्रायल बेसिस पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के यूजर्स (users) के लिए रोलआउट किया जा रहा है। मेटा (Meta) के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कहा है कि टेस्ट के बाद सब्सक्रिप्शन सर्विस (Subscription service) को अमेरिका में लॉन्च किया जाएगा।
मेटा (Meta) के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बताया है कि इस हफ्ते हम मेटा वेरिफाइड सर्विस (Meta verification service) शुरू कर रहे हैं। यह एक सब्सक्रिप्शन सर्विस (Subcribetion Service) है। इसमें सरकारी पहचान पत्र के जरिए आपको ब्लू टिक वेरिफिकेशन चेकमार्क प्रोवाइड किया जाएगा। ब्लू टिक वेरिफिकेशन चेकमार्क (Blu Tick Verification Checkmark) से अकाउंट को एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन मिल सकेगा। इसके अलावा भी कई एक्स्ट्रा फीचर्स भी यूजर्स को प्रोवाइड किए जाएंगे। साथ में मेटा (Meta) ने सब्सक्रिप्शन सर्विस (Subcribetion Service) को अकाउंट की प्रामाणिकता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लॉन्च किया है।
Mark Zuckerberg ने भारत को लेकर क्या कहा :
Mark Zuckerberg (मार्क जुकरबर्ग) ने बताया है कि हम इसी हफ्ते ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में Blu Tick Paid Service को शुरु करेंगे। इसके बाद जल्द ही दूसरे देशों में भी रोल आउट करेंगे। Facebook Blu Tick Paid Service के लिए Facebook users को वेब के लिए हर महीने 11.99 डॉलर यानी करीब 1000 रुपए और iOS वालों को $14.99 यानी 1,200 से ज्यादा चुकाने होंगे।
भारत में Facebook Blu Tick Paid Service कब लागू होगी? इस बारे में मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अभी तक कुछ नहीं कहा।
कोविड में हायरिंग, अब कॉस्ट कटिंग : Meta
नवंबर 2022 में फेसबुक (Facebook), वॉट्सऐप (Whatsapp) और इंस्टाग्राम (Instragram) की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने अपने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी (Job) से निकाल दिया था। Meta कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हुई थी। कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने किया था। मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने इसकी वजह गलत फैसलों से रेवेन्यू में आई गिरावट को बताया था। जिसका जिम्मेदार उन्होंने खुद को बताया था।
मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बताया था कि कोविड (Covid) की शुरुआत में, दुनिया तेजी से ऑनलाइन हो गई और ई-कॉमर्स के बढ़ने से रेवेन्यू में इजाफा हुआ। कई लोगों ने प्रिडिक्ट किया कि यह बढ़ोतरी स्थायी होगी जो महामारी खत्म होने के बाद भी जारी रहेगी। मैंने भी यही सोचा; इसलिए मैंने अपने इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया। दुर्भाग्य से यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा।
न केवल ऑनलाइन कॉमर्स पहले के ट्रेंड पर लौट आया है, बल्कि मैक्रोइकोनॉमिक डाउनटर्न, कॉम्पिटिशन और कम विज्ञापन के कारण रेवेन्यू मेरी अपेक्षा से कम हो गया है। मुझसे ये गलती हुई और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। इस नए माहौल में, हमें और अधिक पूंजी कुशल बनने की जरूरत है। हमने संसाधनों को हाई प्रायोरिटी ग्रोथ एरिया में शिफ्ट कर दिया है। जिसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
सब्सक्रिप्शन मोड पर जाने की 3 बड़ी वजहें : Facebook
• कंपनी को पूंजी कुशल बनाने के लिए मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) नए मॉडल से रेवेन्यू बढ़ाना चाहते हैं।
• मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने मेटावर्स के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है। वो उसकी भरपाई करना चाहते हैं।
Mark Zuckerberg ने 2004 में हार्वर्ड में बनाई थी Facebook :
मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने 2004 में हार्वर्ड में अपने होस्टल के कमरे में फेसबुक (Facebook) की स्थापना की थी। साइट (site) को बनाने का ओरिजिनल आइडिया एक सोशल नेटवर्क बनाना था ताकि हार्वर्ड के छात्र ऑनलाइन एक दूसरे से जुड़ सकें। हालांकि, साइट (site) ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और अन्य यूनिवर्सिटीज (univercities) में विस्तार किया। वर्तमान समय में फेसबुक (Facebook) पर 2.9 बिलियन से ज्यादा डेली एक्टिव यूजर्स के साथ एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन गया है।
Facebook के CEO Mark Zuckerberg :
Mark Zuckerberg शुरुआत से ही फेसबुक के CEO रहे हैं। Mark Zuckerberg के नेतृत्व में ही Facebook एक छोटे से स्टार्टअप से शुरू होकर ग्लोबल सोशल मीडिया दिग्गज के रूप में ग्रो (Grow) हुआ है। हालांकि, Mark Zuckerberg के Facebook प्लेटफॉर्म पर डेटा लीक और फेक न्यूज को लेकर आलोचना भी होती रही है। लेकिन Mark Zuckerberg के कुशल नेतृत्व में कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं।