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Adani Enterprises के शेयरों की क्या है Fair Value? वैल्यूएशन गुरु ने किया कैलकुलेशन! |
Adani Enterprises के शेयरों की क्या है Fair Value? वैल्यूएशन गुरु ने किया कैलकुलेशन :-
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenberg Research) की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिरे पड़े हैं। वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के मुताबिक अदानी ग्रुप पर इतनी दिक्कतों के बावजूद भी इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस में यह मजबूती से खड़ा रहेगा क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस सेक्टर में इसके टक्कर के प्लेयर्स नहीं हैं। वैल्यूएशन गुरु अश्वत दामोदरन ने अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों के लिए फेयर वैल्यू 947 रुपये (Adani Enterprises Fair Value) मानी है। जो मौजूदा भाव से लगभग 37 फीसदी डाउनसाइड में है। जबकि वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन ने रेवेन्यू ग्रोथ और ऑपरेटिंग मार्जिन में पॉजिटिव अनुमानों को भी शामिल किया है।
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के मुताबिक अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenberg Research) ने अदानी ग्रुप के स्टॉक्स की वैल्यू को Over-levered कहा है लेकिन यह धोखाधड़ी नहीं है बल्कि इक्विटी निवेशकों के लिए एक रिस्क है जिसे अधिक रिटर्न हासिल करने के लिए उन्हें उठाना होता है।
Adani Enterprises की फेयर वैल्यू (Fair Value) 947 रुपये :-
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन ने रेवेन्यू ग्रोथ तथा ऑपरेटिंग मार्जिन में पॉजिटिव अनुमानों को शामिल करते हुए अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) की शेयर वैल्यू मात्र ₹947 नक्की की है। जो कि अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के वर्तमान शेयर भाव से 37 फीसदी डाउनसाइड में है।
दामोदरन ने Adani Enterprises की फेयर वैल्यू कम क्यों बताई?
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन ने अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) की शेयर वैल्यू मात्र ₹947 नक्की की है। जिसका कारण दामोदरन यह बताते हैं कि कंपनी मुनाफे के मामले में पिछड़ गई है कंपनी को मुनाफा कम होने की वजह यह है कि कंपनी ने जो निवेश किया है उसका फायदा मिलने में समय लगेगा तथा इसके अलावा कंपनी ऐसे कारोबार में है जिसमें मार्जिन कम है।
दामोदरन ने Adani Enterprises का Analysis कैसे किया :-
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के पिछले 20 साल के कारोबार को तीन हिस्सों में बांटा।
• अडानी इंटरप्राइजेज का पहला हिस्सा 2002 से लेकर 2015 तक लिया। जिसमें अडानी इंटरप्राइजेज का रेवेन्यू लगातार बढ़ता रहा।
• अडानी इंटरप्राइजेज का दूसरा हिस्सा 2016 से लेकर 2021 तक लिया। जिसमें अडानी इंटरप्राइजेज को अडानी पोर्ट्स, अडानी पॉवर और अडानी ट्रांसमिशन जैसे अहम कंपनियों के रूप में रीस्ट्रक्चर किया गया।
• इसके बाद अडानी इंटरप्राइजेज ने एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में होल्सिम की हिस्सेदारी खरीद ली।
इस पूरी अवधि के दौरान कंपनी का डेट-टू-बुक कैपिटल रेश्यो हाई बना रहा लेकिन 2021 और 2022 में मार्केट कैप में उछाल से इसमें गिरावट आई।
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के मुताबिक इस मामले में इंटेरेस्ट कवरेज रेश्यो बेहतर मानक है कि कंपनी पर कितना कर्ज है क्योंकि इंटरनेट खर्चों के मुकाबले ऑपरेटिंग इनकम मुश्किल से ही अधिक है।
सीमित शेयरों के चलते भाव मे उछाल : अडानी इंटरप्राइजेज
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के मुताबिक अडानी ग्रुप की कंपनियों में अडानी परिवार की 72.63 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी है। तथा 27.37 फीसदी हिस्सेदारी में ज्यादातर हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के पास है और इसमें से अधिकतर इंडेक्स फंड होल्डिंग्स के जरिए है।
वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के जरिए भारतीय ग्रोथ, इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट और इंडियन पॉलिटिक्स से शानदार रिटर्न हासिल करना चाहते हैं। वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन के मुताबिक बाजार में अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयरों की सीमित संख्या में उपलब्धता के चलते इसके भाव में उछाल आया।